16 September 2022 06:29 PM
जोग संजोग टाइम्स,
ओजोन परत संरक्षण दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जिला पर्यावरण समिति, वन विभाग, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल और राजकीय डूंगर महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि ओजोन परत, सूर्य से आने वाली खतरनाक पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करता है। इसके मद्देनजर ओजोन परत का संरक्षण बेहद जरूरी है। इस परत का क्षय करने वाली हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम करने के साथ अधिक से अधिक पौधे लगाकर इस खतरे को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने घर से इसकी शुरूआत करनी चाहिए।
उप वन संरक्षक रंगास्वामी ई. ने कहा कि हमें क्लोरोफ्लोरोकार्बन, प्लास्टिक और सभी हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल कम करना होगा। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ते प्रदूषण से भी ओजोन परत क्षतिग्रस्त हो रही है। हमें इसके प्रति सचेत होना जरूरी है।
उप वन संरक्षक सुनील कुमार गौड़ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1994 में 16 सितम्बर को ओजोन परत संरक्षण दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की गई।
राजकीय डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी.पी. सिंह ने कहा कि ओजोन परत का क्षरण होना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने महाविद्यालय द्वारा इस दिशा में किए गए कार्यों के बारे में बताया। प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के आह्वान के साथ कपड़े के थेले वितरित किए गए।
इस दौरान उप वन संरक्षक इकबाल सिंह, सहायक वन संरक्षक कपिल चौधरी, डॉ. श्याम सुंदर ज्याणी, भगवान नाथ कलवाणिया और विन्सम एड्यूवर्ल्ड के सुभाष गोदारा ने भी विचार व्यक्त किए।
जोग संजोग टाइम्स,
ओजोन परत संरक्षण दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जिला पर्यावरण समिति, वन विभाग, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल और राजकीय डूंगर महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि ओजोन परत, सूर्य से आने वाली खतरनाक पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करता है। इसके मद्देनजर ओजोन परत का संरक्षण बेहद जरूरी है। इस परत का क्षय करने वाली हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम करने के साथ अधिक से अधिक पौधे लगाकर इस खतरे को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने घर से इसकी शुरूआत करनी चाहिए।
उप वन संरक्षक रंगास्वामी ई. ने कहा कि हमें क्लोरोफ्लोरोकार्बन, प्लास्टिक और सभी हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल कम करना होगा। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ते प्रदूषण से भी ओजोन परत क्षतिग्रस्त हो रही है। हमें इसके प्रति सचेत होना जरूरी है।
उप वन संरक्षक सुनील कुमार गौड़ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1994 में 16 सितम्बर को ओजोन परत संरक्षण दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की गई।
राजकीय डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी.पी. सिंह ने कहा कि ओजोन परत का क्षरण होना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने महाविद्यालय द्वारा इस दिशा में किए गए कार्यों के बारे में बताया। प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के आह्वान के साथ कपड़े के थेले वितरित किए गए।
इस दौरान उप वन संरक्षक इकबाल सिंह, सहायक वन संरक्षक कपिल चौधरी, डॉ. श्याम सुंदर ज्याणी, भगवान नाथ कलवाणिया और विन्सम एड्यूवर्ल्ड के सुभाष गोदारा ने भी विचार व्यक्त किए।
RELATED ARTICLES
16 April 2024 01:50 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com