27 January 2022 01:16 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार कोरोनाकाल के दौरान लोग आईटी फ्रेंडली हुए। कैशलेस और ऑनलाइन लेनदेन को लेकर न केवल शहर बल्कि गांव के लोगों ने इस नई टैक्नोलॉजी को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। कोरोनाकाल में छोटी-मोटी चीजों के लिए शहर में कार्ड या क्यूआर यूपीआइ पेमेंट ग्राहकों की आदत बन गया है। इसी का असर है कि रहा शहर में बड़े व्यापारियों के अलावा चाय,सब्जी के दुकानदारों ने भी अपने यहां ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा को विकसित कर लिया है। उन्होंने क्यूआर कोड दुकानों पर लगा लिए हैं। एक अनुमान के अनुसार शहर में करीब 50-60 प्रतिशत लोग पेट्रोल पंपों पर कार्ड या यूपीआइ से भुगतान करने लगे हैं। कोरोना के पहले और आज की तुलना करें तो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में करीब चार गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। बातचीत में लोगों ने स्वीकार किया है। कोड स्कैन करना लोगों को ज्यादा रास आ रहा है।
लौट जाते ग्राहक
सब्जी विक्रेता रामेश्वर ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बढते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन तेजी के साथ बढ़ा है। ऑनलाइन भुगतान की दुकान या थड़ी पर कोई व्यवस्था नहीं होती है तो ग्राहक लौट भी जाते हैं। अब तो स्थिति यहां तक आ गई है कि पान-मसाला की दुकानों पर पांच-दस रुपए तक के लिए कोड स्कैन करते हैं।
इसलिए बढ़े उपयोगकर्ता
– चैक के जरिए कैशलेस पेमेंट में पहले चैक बैंक में लगाना पड़ता था। 24 से 48 घंटे में क्लियर होते थे। अब तुरंत ट्रांजेक्शन हो रहा है।
– पहले नेट बैंकिंग की लोगों को जानकारी नहीं के बराबर थी। कोरोना के बाद इसकी जानकारी भी मिली और कैशलेश सुविधा को भी अपनाया।
– ई-वॉलेट ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन आसान कर दिया। ऐसे में पेमेंट आसान हो गया। इसी वजह से इसका उपयोग बढ़ा है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार कोरोनाकाल के दौरान लोग आईटी फ्रेंडली हुए। कैशलेस और ऑनलाइन लेनदेन को लेकर न केवल शहर बल्कि गांव के लोगों ने इस नई टैक्नोलॉजी को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। कोरोनाकाल में छोटी-मोटी चीजों के लिए शहर में कार्ड या क्यूआर यूपीआइ पेमेंट ग्राहकों की आदत बन गया है। इसी का असर है कि रहा शहर में बड़े व्यापारियों के अलावा चाय,सब्जी के दुकानदारों ने भी अपने यहां ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा को विकसित कर लिया है। उन्होंने क्यूआर कोड दुकानों पर लगा लिए हैं। एक अनुमान के अनुसार शहर में करीब 50-60 प्रतिशत लोग पेट्रोल पंपों पर कार्ड या यूपीआइ से भुगतान करने लगे हैं। कोरोना के पहले और आज की तुलना करें तो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में करीब चार गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। बातचीत में लोगों ने स्वीकार किया है। कोड स्कैन करना लोगों को ज्यादा रास आ रहा है।
लौट जाते ग्राहक
सब्जी विक्रेता रामेश्वर ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बढते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन तेजी के साथ बढ़ा है। ऑनलाइन भुगतान की दुकान या थड़ी पर कोई व्यवस्था नहीं होती है तो ग्राहक लौट भी जाते हैं। अब तो स्थिति यहां तक आ गई है कि पान-मसाला की दुकानों पर पांच-दस रुपए तक के लिए कोड स्कैन करते हैं।
इसलिए बढ़े उपयोगकर्ता
– चैक के जरिए कैशलेस पेमेंट में पहले चैक बैंक में लगाना पड़ता था। 24 से 48 घंटे में क्लियर होते थे। अब तुरंत ट्रांजेक्शन हो रहा है।
– पहले नेट बैंकिंग की लोगों को जानकारी नहीं के बराबर थी। कोरोना के बाद इसकी जानकारी भी मिली और कैशलेश सुविधा को भी अपनाया।
– ई-वॉलेट ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन आसान कर दिया। ऐसे में पेमेंट आसान हो गया। इसी वजह से इसका उपयोग बढ़ा है।
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