20 July 2022 11:26 AM
जोग संजोग टाइम्स,
रायपुर की पुलिस ने भारत में रहकर आतंकवादियों के लिए काम करने वाले एक शख्स को पकड़ा है। मूलतः बिहार के जमुई का रहने वाला ये शांतिर कुछ वक्त पहले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहता था। यहां इसके अन्य साथी पहले ही साल 2013 में गिरफ्तार हो चुके थे। पुलिस को इसी की तलाश थी। झारखंड के देवघर से ये भी पकड़ा गया
पकड़े गए शख्स का नाम श्रवण मंडल (41) है। श्रवण का मौसेरा भाई धीरज रायपुर में रहकर फास्ट फूड का ठेला चलाता था। साल 2013 में धीरज पाकिस्तानी कनेक्शन की वजह से पकड़ा गया था। दरअसल वो अपने मौसेरे भाई श्रवण का ही साथ दे रहा था, इसी वजह से वह गिरफ्तार हुआ। पाकिस्तान से डायरेक्ट लिंक रखते हुए फंडिंग का काम श्रवण किया करता था। जब पुलिस ने 2013 में धरपकड़ की थीं तब श्रवण भाग गया था।
स्लीपर सेल की तरह काम
रायपुर पुलिस को सबूत मिले हैं कि श्रवण ने भारतीय लोगों के नाम पर ICICI बैंक में खाते खुलवाए। पाकिस्तान से आने वाली रकम को इन खातों के जरिए आतंकियों के काम करने वाले दूसरे लोगों का भेजा करता था। ये रकम आतंकी संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोग इस्तेमाल करते थे। श्रवण एक तरह से दोनों आतंकी संगठनों के लिए स्लीपर सेल की तरह काम किया करता था, वो आम लोगों के बीच आम मजदूरी वगेरह करके जिंदगी बिता रहा था, मगर इसके संबंध पाकिस्तानी आकाओं से थे।
पाकिस्तान से आया था फोन
पाकिस्तान में रहने वाले खालिद नाम के शख्स ने श्रवण को फोन किया था। उसके कहा था कि बैंक में खाते खुलवाओ तुम्हें भी पैसे कमाने का मौका मिलेगा, खाते में आने वाली रकम का 1.3% कमीशन काटकर बाकी के पैसे राजू खान, जुबेर हुसेन और आयशा बानो नाम के लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर करने हैं। अवण
जोग संजोग टाइम्स,
रायपुर की पुलिस ने भारत में रहकर आतंकवादियों के लिए काम करने वाले एक शख्स को पकड़ा है। मूलतः बिहार के जमुई का रहने वाला ये शांतिर कुछ वक्त पहले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहता था। यहां इसके अन्य साथी पहले ही साल 2013 में गिरफ्तार हो चुके थे। पुलिस को इसी की तलाश थी। झारखंड के देवघर से ये भी पकड़ा गया
पकड़े गए शख्स का नाम श्रवण मंडल (41) है। श्रवण का मौसेरा भाई धीरज रायपुर में रहकर फास्ट फूड का ठेला चलाता था। साल 2013 में धीरज पाकिस्तानी कनेक्शन की वजह से पकड़ा गया था। दरअसल वो अपने मौसेरे भाई श्रवण का ही साथ दे रहा था, इसी वजह से वह गिरफ्तार हुआ। पाकिस्तान से डायरेक्ट लिंक रखते हुए फंडिंग का काम श्रवण किया करता था। जब पुलिस ने 2013 में धरपकड़ की थीं तब श्रवण भाग गया था।
स्लीपर सेल की तरह काम
रायपुर पुलिस को सबूत मिले हैं कि श्रवण ने भारतीय लोगों के नाम पर ICICI बैंक में खाते खुलवाए। पाकिस्तान से आने वाली रकम को इन खातों के जरिए आतंकियों के काम करने वाले दूसरे लोगों का भेजा करता था। ये रकम आतंकी संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोग इस्तेमाल करते थे। श्रवण एक तरह से दोनों आतंकी संगठनों के लिए स्लीपर सेल की तरह काम किया करता था, वो आम लोगों के बीच आम मजदूरी वगेरह करके जिंदगी बिता रहा था, मगर इसके संबंध पाकिस्तानी आकाओं से थे।
पाकिस्तान से आया था फोन
पाकिस्तान में रहने वाले खालिद नाम के शख्स ने श्रवण को फोन किया था। उसके कहा था कि बैंक में खाते खुलवाओ तुम्हें भी पैसे कमाने का मौका मिलेगा, खाते में आने वाली रकम का 1.3% कमीशन काटकर बाकी के पैसे राजू खान, जुबेर हुसेन और आयशा बानो नाम के लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर करने हैं। अवण
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