06 September 2021 10:36 AM

जिला कलक्टर नमित मेहता ने रविवार को गोगागेट स्थित राजकीय एकीकृत आयुष चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने यहां की विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि आयुर्वेद हमारी पुरातन चिकित्सा पद्धति है। अनेक असाध्य रोगों का इलाज इस पद्धति के माध्यम से किया जाता रहा है। इसकी जानकारी भावी पीढ़ी तक पहुंचे और अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठाएं, इसके मद्देनजर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। स्कूलों में आयुर्वेद के प्रति जागरुकता से संबंधित गतिविधियां आयोजित की जाएं। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी से समन्वय करते हुए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सालय में पर्ची बनवाने से लेकर चिकित्सकीय परामर्श और दवा लेने की प्रक्रिया के बारे में जाना।
मेहता ने अस्पताल के पंचकर्मा केन्द्र, आंचल प्रसूता केन्द्र, जरावस्था केन्द्र, क्षारसूत्र एवं शल्य केन्द्र, जरावस्था केन्द्र सहित विभिन्न केन्द्रों की कार्यविधि के बारे में जाना। वात, पित्त एवं कफ के असंतुलन से होने वाले रोगों एवं आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में इनके निदान की जानकारी ली। दवाइयों की उपलब्धता और आवश्यकता के अलावा चिकित्सालय सहित जिले के समस्त औषधालयों में स्टाफ की स्थिति की समीक्षा की। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र के अवलोकन के दौरान उन्होंने योग एवं प्राणायाम की गतिविधियों को नियमित रूप से संचालित करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि असाध्य रोगों के निदान की ‘बेस्ट प्रेक्टिसेज’ का रिकॉर्ड संधारित किया जाए। इस दौरान उपखण्ड अधिकारी अशोक बिश्नोई, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ. पी. चाहर, आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. नरेन्द्र कुमार शर्मा, उपनिदेशक डॉ. रमेश कुमार सोनी, सहायक निदेशक डॉ. सुरेश कुमार सैनी तथा चिकित्सालय प्रभारी डॉ. मधु बाला शर्मा मौजूद रही।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने रविवार को गोगागेट स्थित राजकीय एकीकृत आयुष चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने यहां की विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि आयुर्वेद हमारी पुरातन चिकित्सा पद्धति है। अनेक असाध्य रोगों का इलाज इस पद्धति के माध्यम से किया जाता रहा है। इसकी जानकारी भावी पीढ़ी तक पहुंचे और अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठाएं, इसके मद्देनजर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। स्कूलों में आयुर्वेद के प्रति जागरुकता से संबंधित गतिविधियां आयोजित की जाएं। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी से समन्वय करते हुए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सालय में पर्ची बनवाने से लेकर चिकित्सकीय परामर्श और दवा लेने की प्रक्रिया के बारे में जाना।
मेहता ने अस्पताल के पंचकर्मा केन्द्र, आंचल प्रसूता केन्द्र, जरावस्था केन्द्र, क्षारसूत्र एवं शल्य केन्द्र, जरावस्था केन्द्र सहित विभिन्न केन्द्रों की कार्यविधि के बारे में जाना। वात, पित्त एवं कफ के असंतुलन से होने वाले रोगों एवं आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में इनके निदान की जानकारी ली। दवाइयों की उपलब्धता और आवश्यकता के अलावा चिकित्सालय सहित जिले के समस्त औषधालयों में स्टाफ की स्थिति की समीक्षा की। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र के अवलोकन के दौरान उन्होंने योग एवं प्राणायाम की गतिविधियों को नियमित रूप से संचालित करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि असाध्य रोगों के निदान की ‘बेस्ट प्रेक्टिसेज’ का रिकॉर्ड संधारित किया जाए। इस दौरान उपखण्ड अधिकारी अशोक बिश्नोई, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ. पी. चाहर, आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. नरेन्द्र कुमार शर्मा, उपनिदेशक डॉ. रमेश कुमार सोनी, सहायक निदेशक डॉ. सुरेश कुमार सैनी तथा चिकित्सालय प्रभारी डॉ. मधु बाला शर्मा मौजूद रही।
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