26 January 2022 02:04 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार बीकानेर। बाइक चलाते वक्त उसका पैर ब्रेक पर नहीं होता और हाथ हैंडल पर नहीं होता, इसके बाद भी वो मजे से बाइक चलाता है। न सिर्फ चलाता है बल्कि उस पर कई तरह के स्टंट भी करता है। गणतंत्र दिवस हो या फिर स्वतंत्रता दिवस सुरज की बाइक राइडिंग देखने के लिए ही बड़ी संख्या में लोग बीकानेर के करणी सिंह स्टेडियम पहुंचते हैं।
वर्ष 2009 से करणी सिंह स्टेडियम में हर सरकारी कार्यक्रम में उसकी बाइक राइडिंग तो तय है। वो सबसे पहले हैंडल पकड़े बिना बाइक पर खड़े होकर दोनों हाथ हवा में फैलाते हुए राइडिंग करता है। काफी तेज गति से चल रही बाइक को वो कैसे मोड़ लेता है, यह सभी के लिए आश्चर्य का विषय है। बाइक चलाते हुए दोनों घुटने सीट पर रखते हुए वो कई बार करणी सिंह स्टेडियम के मैदान का राउंड भी निकाल लेता है। बाइक के पीछे बैठकर अकेले ही चला लेते हैं। इसेस पहले वो आग के गोलों में से बाइक निकालने और कई गाड़ियों के ऊपर से बाइक को उड़ाकर ले जाने के स्टंट भी करते रहे हैं।
बचपन से बाइक का शौक
स्टंट करके पूरे शहर में चर्चा का विषय बन चुके सुरज का कहना है कि बचपन से ही बाइक चलाने का शौक था। धीरे धीरे बाइक चलाते हुए कभी हाथ हैंडल से हटा लेता तो कभी बाइक पर खड़ा हो जाता। इस बीच जब पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी मिली तो वहां भी ऐसे करतब करके अधिकारियों को दिखाए। इसके बाद से RAC के हर कार्यक्रम में उसका शो जरूर होता है।
हर रोज अभ्यास
सुरज बताते हैं कि वो हर रोज करीब दो घंटे अभ्यास करता है। सुबह व शाम एक-एक घंटे अभ्यास करते हुए वो कई बार घायल भी हुआ लेकिन कभी कोई गंभीर चोट नहीं आई। ये बहुत ही अभ्यास का काम है। बिना अभ्यास ऐसा करना जानलेवा साबित हो सकता है।
सिर्फ प्रमाण पत्र मिलते हैं
सुरज बताते हैं कि इस तरह के स्टंट करने से उन्हें कई बार सम्मान मिलता है। प्रमाण पत्र मिलते हैं लेकिन कभी कोई बड़ा लाभ विभाग की ओर से नहीं मिला। वैसे भी सूरज कहते हैं कि पंद्रह अगस्त और 26 जनवरी को स्टेडियम में आयोजन का हिस्सा बनना ही सबसे बड़ा पुरस्कार है
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार बीकानेर। बाइक चलाते वक्त उसका पैर ब्रेक पर नहीं होता और हाथ हैंडल पर नहीं होता, इसके बाद भी वो मजे से बाइक चलाता है। न सिर्फ चलाता है बल्कि उस पर कई तरह के स्टंट भी करता है। गणतंत्र दिवस हो या फिर स्वतंत्रता दिवस सुरज की बाइक राइडिंग देखने के लिए ही बड़ी संख्या में लोग बीकानेर के करणी सिंह स्टेडियम पहुंचते हैं।
वर्ष 2009 से करणी सिंह स्टेडियम में हर सरकारी कार्यक्रम में उसकी बाइक राइडिंग तो तय है। वो सबसे पहले हैंडल पकड़े बिना बाइक पर खड़े होकर दोनों हाथ हवा में फैलाते हुए राइडिंग करता है। काफी तेज गति से चल रही बाइक को वो कैसे मोड़ लेता है, यह सभी के लिए आश्चर्य का विषय है। बाइक चलाते हुए दोनों घुटने सीट पर रखते हुए वो कई बार करणी सिंह स्टेडियम के मैदान का राउंड भी निकाल लेता है। बाइक के पीछे बैठकर अकेले ही चला लेते हैं। इसेस पहले वो आग के गोलों में से बाइक निकालने और कई गाड़ियों के ऊपर से बाइक को उड़ाकर ले जाने के स्टंट भी करते रहे हैं।
बचपन से बाइक का शौक
स्टंट करके पूरे शहर में चर्चा का विषय बन चुके सुरज का कहना है कि बचपन से ही बाइक चलाने का शौक था। धीरे धीरे बाइक चलाते हुए कभी हाथ हैंडल से हटा लेता तो कभी बाइक पर खड़ा हो जाता। इस बीच जब पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी मिली तो वहां भी ऐसे करतब करके अधिकारियों को दिखाए। इसके बाद से RAC के हर कार्यक्रम में उसका शो जरूर होता है।
हर रोज अभ्यास
सुरज बताते हैं कि वो हर रोज करीब दो घंटे अभ्यास करता है। सुबह व शाम एक-एक घंटे अभ्यास करते हुए वो कई बार घायल भी हुआ लेकिन कभी कोई गंभीर चोट नहीं आई। ये बहुत ही अभ्यास का काम है। बिना अभ्यास ऐसा करना जानलेवा साबित हो सकता है।
सिर्फ प्रमाण पत्र मिलते हैं
सुरज बताते हैं कि इस तरह के स्टंट करने से उन्हें कई बार सम्मान मिलता है। प्रमाण पत्र मिलते हैं लेकिन कभी कोई बड़ा लाभ विभाग की ओर से नहीं मिला। वैसे भी सूरज कहते हैं कि पंद्रह अगस्त और 26 जनवरी को स्टेडियम में आयोजन का हिस्सा बनना ही सबसे बड़ा पुरस्कार है
RELATED ARTICLES
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com