21 December 2023 08:10 PM
बीकानेर-महारानी सुदर्शना महाविद्यालय में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस कैम्प) के दूसरे दिन मोटिवेशन स्पीकर विनय हर्ष को आमंत्रित किया गया प्रभारी डॉ. अंजू सांगवा के दिशा -निर्देश में प्रारम्भ हुआ हुआ डॉ सांगवा ने बताया कि जीवन में संघर्ष बहुत है परन्तु इस संघर्ष से लड़ते हुए हमें अपने जीवन को आसानी से निरन्तर चला सकते है। इसके लिए मानसिकता सुदृढ़ होनी आवश्यक है। इसी क्रम में उन्होंने अतिथि विनय हर्ष को संबोधित करते हुए मोटिवेशन पर अपने उद्गार देने के लिए आमंत्रित किया। विनय हर्ष ने छात्राओं को अपने भविष्य के निर्माण के विषय में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि, ‘‘ जीवन में आगे बढ़ते हुए स्वयं के विकास के साथ-साथ समाज व राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए हमें अपने आपकों ज्ञान, कौशल तथ सामर्थ्य के साथ सफल व्यक्तित्व का निर्माण करना होगा। इसके लिए यह मैं नहीं कर सकती, लोग क्या कहेंगे, असफल हो गए तो क्या होगा जैसे प्रश्नो के चक्रव्यूह से सकारात्मक सोच के साथ बाहर निकलना होगा।’’ जीवन में अंकों के आधार पर उच्च शिक्षित होने की परम्परा को तोड़ते हुए सामाजिक दुश्चक्रों , विषमताओं को दर किनार करते हुए सपने देखना होगा क्योंकि जीवन ऐसा कोई भी कार्य नहीं जिन्हें आप निरंतर प्रयत्न के बल पर जिद के साथ प्राप्त नहीं कर सकते ज़रूरी है ख़ुद पर भरोसा करने की
डॉ विनोद कुमारी,डॉ हिमांशु कांडपाल ,डॉ अंजु सांगवा ,डॉ सुनीता बिश्नोई ने आभार प्रकट किया
बीकानेर-महारानी सुदर्शना महाविद्यालय में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस कैम्प) के दूसरे दिन मोटिवेशन स्पीकर विनय हर्ष को आमंत्रित किया गया प्रभारी डॉ. अंजू सांगवा के दिशा -निर्देश में प्रारम्भ हुआ हुआ डॉ सांगवा ने बताया कि जीवन में संघर्ष बहुत है परन्तु इस संघर्ष से लड़ते हुए हमें अपने जीवन को आसानी से निरन्तर चला सकते है। इसके लिए मानसिकता सुदृढ़ होनी आवश्यक है। इसी क्रम में उन्होंने अतिथि विनय हर्ष को संबोधित करते हुए मोटिवेशन पर अपने उद्गार देने के लिए आमंत्रित किया। विनय हर्ष ने छात्राओं को अपने भविष्य के निर्माण के विषय में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि, ‘‘ जीवन में आगे बढ़ते हुए स्वयं के विकास के साथ-साथ समाज व राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए हमें अपने आपकों ज्ञान, कौशल तथ सामर्थ्य के साथ सफल व्यक्तित्व का निर्माण करना होगा। इसके लिए यह मैं नहीं कर सकती, लोग क्या कहेंगे, असफल हो गए तो क्या होगा जैसे प्रश्नो के चक्रव्यूह से सकारात्मक सोच के साथ बाहर निकलना होगा।’’ जीवन में अंकों के आधार पर उच्च शिक्षित होने की परम्परा को तोड़ते हुए सामाजिक दुश्चक्रों , विषमताओं को दर किनार करते हुए सपने देखना होगा क्योंकि जीवन ऐसा कोई भी कार्य नहीं जिन्हें आप निरंतर प्रयत्न के बल पर जिद के साथ प्राप्त नहीं कर सकते ज़रूरी है ख़ुद पर भरोसा करने की
डॉ विनोद कुमारी,डॉ हिमांशु कांडपाल ,डॉ अंजु सांगवा ,डॉ सुनीता बिश्नोई ने आभार प्रकट किया
RELATED ARTICLES
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com