17 May 2024 02:26 PM

बीकानेर। नमकीन और रसगुलों के लिए माना हुआ बीकानेर आज मसाज पार्लर के लिए माना जाने लगा है। शहर के मुख्य बाजारों और पॉश कॉलोनियों में इस तरह के पार्लर चल रहे हैं। इससे स्थानीयवासी तो परेशान है ही, व्यापारी भी काफी दुखी हैं।
जानकारी के अनुसार इस तरह के मसाज पार्लर बीकानेर के सभी बड़े मौल, माँ पार्वती कॉम्प्लेक्स, बोथरा कांपलेक्स, इसके अलावा जय नारायण व्यास कॉलोनी और इंदिरा कॉलोनी में ऐसे पार्लर की भरमार है। किसी ने इन्हें थाई स्पा सेंटर नाम दिया है, तो कोई मसाज पार्लर बोलते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि सभी ने बाउंसर रख रखे हैं जो अंदर की व्यवस्था संभालते हैं। ऐसी चर्चाएं हैं कि इन मसाज सेंटरों में नशे की सामग्री भी उपलब्ध करवाई जाती है। जिसकी कीमत काफी ज्यादा वसूली जाती हैं। इन सेंटरों में किस तरह की मसाज होती है, पास में रहने वाला पड़ोसी या दुकानदार ज्यादा अच्छे से बता सकता है। लेकिन जो इससे परेशान है वह पुलिस सिस्टम को कोसते जरूर मिल जाएंगे, क्योंकि सेंकडों शिकायतों के बावजूद भी इनपर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है |
सूत्रों के अनुसार ऐसे सेंटरों में दो से तीन युवतियां काम करती है। ऐसे सेंटरों से भारी रिश्वत ऊपर तक पहुंचाई जाती है । पहुंचती कहां है यह किसी को पता नहीं। पुलिस व आबकारी विभाग यहां कार्रवाई नहीं करती। आश्चर्यजनक बात यह भी है कि ऐसे सेंटर देर रात तक चलते हैं तथा इन सेंटरों से कुछ दूरी पर अंडे के ठेले पानी, पान-बीड़ी, सिगरेट देर-रात तक बिकते हुए मिल जाएंगे। रात्रि गस्त वाली गाड़ी भी यहां नहीं रुकती है।
सूत्रों ने बताया कि ऐसे सेंटरों को चलाने वालों पर कुछ बड़े नेता और मंत्रियों का भारी सहयोग है जिसके कारण ये मसाज पार्लर खुलेआम चोबीसो घंटे खुले रहते है इन मसाज पार्लरों ने आज की युवा पीढ़ी के भविष्य को बर्बादी की तरफ ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है इन पार्लरों में जाने के बाद मसाज करने से पहले युवती का सवाल होता। है मसाज या एक्स्ट्रा सर्विस। अगर सामने वाले ने हां कर दी तो उसका सवाल होता है, एचजे, बीजे ब्लो या बॉडी टू बॉडी | ये बोलकर यहाँ जाने वाले से भारी पैसे निकलवा लिए जाते है । सभी को पता है फिर भी पुलिस को नजर क्यों नहीं आ रहा ? यह तो तब है जब कि बीकानेर कोई छोटा शहर नहीं बल्कि पुराना संभाग मुख्यालय है जहां संभागीय आयुक्त और रेंज आईजी बैठते हैं। फिर भी इनपर एक साल में गिनती के कोई दो तीन मामले प्रकाश में आते है यह हमारे प्रशासन के लिए बहुत ही शर्म की बात है |
बीकानेर। नमकीन और रसगुलों के लिए माना हुआ बीकानेर आज मसाज पार्लर के लिए माना जाने लगा है। शहर के मुख्य बाजारों और पॉश कॉलोनियों में इस तरह के पार्लर चल रहे हैं। इससे स्थानीयवासी तो परेशान है ही, व्यापारी भी काफी दुखी हैं।
जानकारी के अनुसार इस तरह के मसाज पार्लर बीकानेर के सभी बड़े मौल, माँ पार्वती कॉम्प्लेक्स, बोथरा कांपलेक्स, इसके अलावा जय नारायण व्यास कॉलोनी और इंदिरा कॉलोनी में ऐसे पार्लर की भरमार है। किसी ने इन्हें थाई स्पा सेंटर नाम दिया है, तो कोई मसाज पार्लर बोलते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि सभी ने बाउंसर रख रखे हैं जो अंदर की व्यवस्था संभालते हैं। ऐसी चर्चाएं हैं कि इन मसाज सेंटरों में नशे की सामग्री भी उपलब्ध करवाई जाती है। जिसकी कीमत काफी ज्यादा वसूली जाती हैं। इन सेंटरों में किस तरह की मसाज होती है, पास में रहने वाला पड़ोसी या दुकानदार ज्यादा अच्छे से बता सकता है। लेकिन जो इससे परेशान है वह पुलिस सिस्टम को कोसते जरूर मिल जाएंगे, क्योंकि सेंकडों शिकायतों के बावजूद भी इनपर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है |
सूत्रों के अनुसार ऐसे सेंटरों में दो से तीन युवतियां काम करती है। ऐसे सेंटरों से भारी रिश्वत ऊपर तक पहुंचाई जाती है । पहुंचती कहां है यह किसी को पता नहीं। पुलिस व आबकारी विभाग यहां कार्रवाई नहीं करती। आश्चर्यजनक बात यह भी है कि ऐसे सेंटर देर रात तक चलते हैं तथा इन सेंटरों से कुछ दूरी पर अंडे के ठेले पानी, पान-बीड़ी, सिगरेट देर-रात तक बिकते हुए मिल जाएंगे। रात्रि गस्त वाली गाड़ी भी यहां नहीं रुकती है।
सूत्रों ने बताया कि ऐसे सेंटरों को चलाने वालों पर कुछ बड़े नेता और मंत्रियों का भारी सहयोग है जिसके कारण ये मसाज पार्लर खुलेआम चोबीसो घंटे खुले रहते है इन मसाज पार्लरों ने आज की युवा पीढ़ी के भविष्य को बर्बादी की तरफ ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है इन पार्लरों में जाने के बाद मसाज करने से पहले युवती का सवाल होता। है मसाज या एक्स्ट्रा सर्विस। अगर सामने वाले ने हां कर दी तो उसका सवाल होता है, एचजे, बीजे ब्लो या बॉडी टू बॉडी | ये बोलकर यहाँ जाने वाले से भारी पैसे निकलवा लिए जाते है । सभी को पता है फिर भी पुलिस को नजर क्यों नहीं आ रहा ? यह तो तब है जब कि बीकानेर कोई छोटा शहर नहीं बल्कि पुराना संभाग मुख्यालय है जहां संभागीय आयुक्त और रेंज आईजी बैठते हैं। फिर भी इनपर एक साल में गिनती के कोई दो तीन मामले प्रकाश में आते है यह हमारे प्रशासन के लिए बहुत ही शर्म की बात है |
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