08 April 2025 11:40 AM
दिनांक 07.04.2025 को न्यायालय अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश महिला उत्पीड़न पीठासीन अधिकारी रैना शर्मा ने प्रकरण सरकार बनाम भरत सिंह आदि में प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 196/2013 पुलिस थाना पूगल, जिला बीकानेर में दहेज हत्या व दहेज के लिये मांग के प्रकरण में मुल्जिम भरत सिंह, सावंत सिंह व राज कँवर के विरूद्ध धारा 304बी, 498ए, 406, 201 में मुकदमा परिवादी सुगन सिंह ने दिनांक 16.09.2013 को करवाया था। जिसमें माननीय न्यायालय ने सभी मुल्जिमान को धारा 498ए, और धारा 406 में 3 वर्ष का कठोर कारावास व 20,000/- रूपये का जुर्माना अर्थ दण्ड लगाकर दण्डित किया है। जिस पर अभियोजन अधिकारी गणेश गहलोत एडवोकेट व परिवादी अधिवक्ता कौशल साँखला एडवोकेट ने बताया कि सुगन सिंह पुत्र राम सिंह निवासी पूगल ने अपनी दोनों पुत्रियों शांति एवं अंकिता की शादी 6 वर्ष पूर्व भरत सिंह व जेठू सिंह शाकिन भानीपुरा तहसील पूगल, जिला बीकानेर के साथ हुई थी। उसकी दोनों पुत्रियों को आये दिन दहेज के लिये तंग परेशान करते थे। तथा उनके साथ क्रूरता का व्यवहार भरत सिंह, सावंत सिंह व राज कंवर करते थे। दिनांक 11.09.2013 को लगभग 8:30 पी.एम. पर भरत सिंह अपने खेत से छोटे भाई जेठू सिंह की पत्नी अंकिता व भरत सिंह की भांजी साथ थी। जो ऊँटगाडे से खेत से गांव आ रहे थे। दहेज की बात को लेकर आपस में अनबन होने पर झगडा करने लगा। उसी वक्त दीप सिंह पुत्र केशु सिंह अपने खेत से भानीपुरा आ रहा था। जिसने दोनों को झगडा करते हुए देखा तथा बीच-बचाव करने का प्रयास किया तो भरत सिंह ने गाड़े का झालिया (लठ्ठ) अंकिता के सिर पर मारा तो अंकिता वहीं गिर पडी। तब भरत सिंह दीप सिंह के पीछे झालिया (लठ्ठ) लेकर भागा। भरत सिंह अंकिता को मारकर ऊँटगाडे को लेकर अपने खेत भाग गयां परिवार के लोगों ने षड्यंत्र रचकर गांव के सभी आदमियों को बुलाया और कहा कि अंकिता गाड़े के नीचे आकर मर गयी। तब परिवादी मौके पर आया और अपनी पुत्री अंकिता की लाश को देखकर बेहोश हो गया। तब उनको घर भेज दिया। मुल्जिम परिवार ने जल्दबाजी में अंकिता का दाह संस्कार कर दिया। अभियोजन अधिकारी ने बताया कि अभियोजन ने अपने साक्ष्य के समर्थन में 19 गवाहान के बयान लेखबद्ध करवाये तथा 33 दस्तावेज प्रदर्श लेखबद्ध पत्रावली में करवाये और आर्टिकल प्रदर्शित करवाये। परिवादी अधिवक्ता कौशल साँखला ने 16 न्यायिक दृष्टांत प्रस्तुत किये। उपरोक्त तर्कों के आधार पर मुल्जिमान को दोषसिद्ध किये जाने का निवेदन किया। इस प्रकरण की पैरवी लोक अभियोजक गणेश गहलोत व परिवादी अधिवक्ता कौशल साँखला एडवोकेट ने की थी।
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