28 June 2022 07:29 PM

जोग संजोग टाइम्स,
खबर इस वक्त महाराष्ट्र के सांगली से सामने आई है जहां पर पिछले 20 जून को 9 लोगों की मौत का मामला सामने आया था अब उस मामले में नया मोड़ सामने आ गया है मामला अब सामूहिक हत्याकांड का बन गया है जिसे पहले पुलिस आत्महत्या का मामला मान रही थी अब जांच में पता चला है कि दो भाइयों के परिवार को एक तांत्रिक और उसके ड्राइवर ने जहर देकर मार डाला था दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है 20 जून को मैसेल गांव में 1 किलोमीटर के फासले पर मौजूद दोनों भाइयों के घरों में परिवार के 9 सदस्यों के शव मिले हैं इनमें भाई टीचर और दूसरा पशुओं का डॉक्टर था पुलिस महानिदेशक मनोज कुमार लोहिया ने
जानकारी देते हुए बताया कि तांत्रिक अब्बास ने वन मोर भाइयों डा माणिक वनमोरे और पोपट वनमोरे के लिए गुप्त धन खोजने का वादा किया था और इसकी एवज में उसने मोटी रकम भी ली थी जब गुप्त धन नहीं मिला तो वनमोरे बंदू तांत्रिक से अपनी दी हुई रकम वापस मांगने लगे लेकिन अब्बास रुपए वापस नहीं देना चाहता था दबाव बढ़ा तो उसने वन मोर बंधुओं के पूरे परिवार को ही रास्ते से हटाने की योजना बनाई शुरुआती जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी अब्बास मोहम्मद अली बागवान 19 जून को अपने ड्राइवर धीरज चंद्रकांत सुरवसे के साथ में सर गांव में वन मोर बंधुओं के घर पहुंचा जहां तांत्रिक ने छिपे हुए खजाने को खोजने के लिए तंत्र मंत्र की क्रिया शुरू की इस दौरान उसने परिवार के सदस्यों को उनके घरों की छत पर भेजा फिर उसने एक एक करके नीचे बुलाया और चाय पीने के लिए कहा जिसमें पहले से ही कोई जहरीला पदार्थ मिलाया हुआ था।
अंदेशा जताया जा रहा है कि इस पेय पदार्थ को पीने के बाद वन मोर परिवार के लोगों ने बेहोशी के बाद दम तोड़ दिया शुरुआती जांच में पुलिस को यह मामला सामूहिक खुदकुशी का लगा क्योंकि सुसाइड नोट में मृतक परिवार ने कर्ज़ देने वाले छोटे बड़े साहूकारों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था माना जा रहा है कि गुप्त धन की लालसा में वन मोर बंधुओं ने कर्ज भी लिया हुआ था इस मामले में 25 आरोपियों में से 19 को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप भी लगाया गया था लेकिन पुलिस की जांच में यह यह सही नहीं है क्योंकि घटनास्थल से 9 में से सिर्फ एक शव के साथ जहर की शीशी मिली फिर सुसाइड नोट की जांच करने पर पुलिस को लगा कि कुछ तो गड़बड़ है क्योंकि आमतौर पर सुसाइड नोट में व्यक्ति पहले कारण लिखता है और फिर लोगों को दोषी ठहरा था इसी के चलते पुलिस ने मृतक वन मोर परिवार की पुरानी गतिविधियों को खंगाला पडताल में एक गाड़ी सामने आई फिर सड़कों पर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस वाहन की लोकेशन को ट्रेस करके खोजबीन में वाहन का इस्तेमाल करने वाले अब्बास अली बागवान तक पहुंच गई और इस जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया पूछताछ में अब्बास ने सारा घटनाक्रम बता दिया।
जोग संजोग टाइम्स,
खबर इस वक्त महाराष्ट्र के सांगली से सामने आई है जहां पर पिछले 20 जून को 9 लोगों की मौत का मामला सामने आया था अब उस मामले में नया मोड़ सामने आ गया है मामला अब सामूहिक हत्याकांड का बन गया है जिसे पहले पुलिस आत्महत्या का मामला मान रही थी अब जांच में पता चला है कि दो भाइयों के परिवार को एक तांत्रिक और उसके ड्राइवर ने जहर देकर मार डाला था दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है 20 जून को मैसेल गांव में 1 किलोमीटर के फासले पर मौजूद दोनों भाइयों के घरों में परिवार के 9 सदस्यों के शव मिले हैं इनमें भाई टीचर और दूसरा पशुओं का डॉक्टर था पुलिस महानिदेशक मनोज कुमार लोहिया ने
जानकारी देते हुए बताया कि तांत्रिक अब्बास ने वन मोर भाइयों डा माणिक वनमोरे और पोपट वनमोरे के लिए गुप्त धन खोजने का वादा किया था और इसकी एवज में उसने मोटी रकम भी ली थी जब गुप्त धन नहीं मिला तो वनमोरे बंदू तांत्रिक से अपनी दी हुई रकम वापस मांगने लगे लेकिन अब्बास रुपए वापस नहीं देना चाहता था दबाव बढ़ा तो उसने वन मोर बंधुओं के पूरे परिवार को ही रास्ते से हटाने की योजना बनाई शुरुआती जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी अब्बास मोहम्मद अली बागवान 19 जून को अपने ड्राइवर धीरज चंद्रकांत सुरवसे के साथ में सर गांव में वन मोर बंधुओं के घर पहुंचा जहां तांत्रिक ने छिपे हुए खजाने को खोजने के लिए तंत्र मंत्र की क्रिया शुरू की इस दौरान उसने परिवार के सदस्यों को उनके घरों की छत पर भेजा फिर उसने एक एक करके नीचे बुलाया और चाय पीने के लिए कहा जिसमें पहले से ही कोई जहरीला पदार्थ मिलाया हुआ था।
अंदेशा जताया जा रहा है कि इस पेय पदार्थ को पीने के बाद वन मोर परिवार के लोगों ने बेहोशी के बाद दम तोड़ दिया शुरुआती जांच में पुलिस को यह मामला सामूहिक खुदकुशी का लगा क्योंकि सुसाइड नोट में मृतक परिवार ने कर्ज़ देने वाले छोटे बड़े साहूकारों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था माना जा रहा है कि गुप्त धन की लालसा में वन मोर बंधुओं ने कर्ज भी लिया हुआ था इस मामले में 25 आरोपियों में से 19 को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप भी लगाया गया था लेकिन पुलिस की जांच में यह यह सही नहीं है क्योंकि घटनास्थल से 9 में से सिर्फ एक शव के साथ जहर की शीशी मिली फिर सुसाइड नोट की जांच करने पर पुलिस को लगा कि कुछ तो गड़बड़ है क्योंकि आमतौर पर सुसाइड नोट में व्यक्ति पहले कारण लिखता है और फिर लोगों को दोषी ठहरा था इसी के चलते पुलिस ने मृतक वन मोर परिवार की पुरानी गतिविधियों को खंगाला पडताल में एक गाड़ी सामने आई फिर सड़कों पर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस वाहन की लोकेशन को ट्रेस करके खोजबीन में वाहन का इस्तेमाल करने वाले अब्बास अली बागवान तक पहुंच गई और इस जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया पूछताछ में अब्बास ने सारा घटनाक्रम बता दिया।
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