02 February 2022 09:40 AM
नवरात्रि यानि नौ दिन मां दुर्गा की पूजा और अराधना के दिन होते हैं। नवरात्रि के दिन मां दुर्गा को समर्पित हैं। साल में 4 बार नवरात्रि मनाए जाते हैं। दो बार गुप्त नवरात्रि और एक चैत्र एक शारदीय नवरात्रि। साल में दो बार आने वाले नवरात्रि में से एक माघ माह में आने वाले गुप्त नवरात्रि हैं। इस बार माघ माह के गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 2 फरवरी से हो रही है। गुप्त नवरात्रि पर दो विशेष योग बन रहे हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार, गुप्त नवरात्रि पर इस बार रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है। मां दुर्गा प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि के महत्व, तिथि और पूजा विधि के बारे में।
गुप्त नवरात्रि महत्व
चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-उपासना धूम-धाम से की जाती है, लेकिन गुप्त नवरात्रि में मां की पूजा गुप्त तरीके से करने का विधान है। गुप्त नवरात्रि में खास इच्छापूर्ति और सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में सिद्धि प्राप्त करने और तंत्र-मंत्र आदि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सभी कष्टों का नाश होता है।
माघ गुप्त नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त
माघ माह के गुप्त नवरात्रि की अनुसार 2 फरवरी 2022, बुधवार को है। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 10 मिनट से सुबह 8 बजकर 2 मिनट तक है।
गुप्त नवरात्रि पूजा विधि
शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान भी चैत्र और शारदीय नवरात्रि की तरह ही घट स्थापना भी की जाती है। सुबह-शाम मां दुर्गा की पूजा की जाती है और मां को लौंग और बताशे का भोग लगाया जाता है। इसके बाद मां को शृंगार का सामान अर्पित किया जाता है।
इतना ही नहीं, गुप्त नवरात्रि के दौरान सुबह-शाम दोनों समय दुर्गा सप्तशती का पाठ भी अवश्य करना चाहिए। ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर जाती हैं।
नवरात्रि यानि नौ दिन मां दुर्गा की पूजा और अराधना के दिन होते हैं। नवरात्रि के दिन मां दुर्गा को समर्पित हैं। साल में 4 बार नवरात्रि मनाए जाते हैं। दो बार गुप्त नवरात्रि और एक चैत्र एक शारदीय नवरात्रि। साल में दो बार आने वाले नवरात्रि में से एक माघ माह में आने वाले गुप्त नवरात्रि हैं। इस बार माघ माह के गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 2 फरवरी से हो रही है। गुप्त नवरात्रि पर दो विशेष योग बन रहे हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार, गुप्त नवरात्रि पर इस बार रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है। मां दुर्गा प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि के महत्व, तिथि और पूजा विधि के बारे में।
गुप्त नवरात्रि महत्व
चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-उपासना धूम-धाम से की जाती है, लेकिन गुप्त नवरात्रि में मां की पूजा गुप्त तरीके से करने का विधान है। गुप्त नवरात्रि में खास इच्छापूर्ति और सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में सिद्धि प्राप्त करने और तंत्र-मंत्र आदि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सभी कष्टों का नाश होता है।
माघ गुप्त नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त
माघ माह के गुप्त नवरात्रि की अनुसार 2 फरवरी 2022, बुधवार को है। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 10 मिनट से सुबह 8 बजकर 2 मिनट तक है।
गुप्त नवरात्रि पूजा विधि
शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान भी चैत्र और शारदीय नवरात्रि की तरह ही घट स्थापना भी की जाती है। सुबह-शाम मां दुर्गा की पूजा की जाती है और मां को लौंग और बताशे का भोग लगाया जाता है। इसके बाद मां को शृंगार का सामान अर्पित किया जाता है।
इतना ही नहीं, गुप्त नवरात्रि के दौरान सुबह-शाम दोनों समय दुर्गा सप्तशती का पाठ भी अवश्य करना चाहिए। ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर जाती हैं।
RELATED ARTICLES
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com