04 October 2022 04:41 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड, के मुख्य गवाह राजकुमार शर्मा का सोमवार देर रात तक ऑपरेशन चला। लगातार करीब 4 घंटे तक शर्मा का एमबी अस्पताल में न्यूरोसर्जन ने सफल ऑपरेशन किया। इसमें जयपुर से उदयपुर पहुंचे डॉ मनीष अग्रवाल और राशिम कटारिया भी मौजूद रहे।दोनों डॉक्टर्स को राज्य सरकार ने ग्रीन कॉरिडोर से 4:30 घंटे में जयपुर से उदयपुर भेजा था। शनिवार को ब्रेन हेमरेज होने के बाद वे दो दिनों से भर्ती थे। डॉक्टर्स ने कहा कि अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। फिलहाल राजकुमार को न्यूरो आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है।ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर्स ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान राजकुमार का ब्लड प्रेशर को मेन्टेन रखना चुनौतीपूर्ण था। ब्लड प्रेशर हाई होने से ब्रेन में सूजन थी। ऑपरेशन के बाद सूजन में कर्मी आई है। राजकुमार को होश में आने दो दिन लग सकते हैं। इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर से हटाया जा सकता हैं। डॉक्टर्स ने कहा कि पेशेंट को दो हिस्से में पेरेलेसिस आया था, ऐसे में उन्हें रिकवर में समय लगेगा। मंगलवार दोपहर तक एनेस्थिसिया का असर खत्म हो जाएगा। सोमवार को राजकुमार का जन्मदिन भी था।एमबी अस्पताल में सारी सुविधाएं होने से राजकुमार को बेहतर ट्रीटमेंट दिया गया है। उन्हें यहां से कही भी शिफ्ट नहीं किया जाएगा। देर रात तक संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, कलेक्टर ताराचंद मीणा, एसपी विकास शर्मा भी ऑपरेशन के दौरान वही मौजूद रहे। संभागीय आयुक्त सीएमआर में अधिकारियों को इसका अपडेट देते रहे।दरअसल 1 अक्टूबर को राजकुमार को गंभीर हालत में एमबी हॉस्पिटल लाया गया। जब उन्हें लाया गया, तब उनके ब्रेन का करीब 45 फीसदी हिस्सा इंजर्ड बताया गया। हालांकि इस दौरान वे अपने परिवार के लोगों से बात कर रहे थे। इसके बाद रविवार को उनकी तबीयत बिगड़ी और सोमवार को ज्यादा बिगड़ने पर ऑपरेशन का निर्णय हुआ। इस पर प्रभारी मंत्री रामलाल जाट ने राजकुमार से मिलकर सीएम से बात की और हाल बताया।इसके बाद सीएम ने निर्देश पर जयपुर से न्यूरोसर्जन डॉ मनीष अग्रवाल और डॉ राशिम कटारिया को ग्रीन कॉरिडोर से रवाना किया गया। सोमवार रात 9:40 बजे दोनों दोनों डॉक्टर्स उदयपुर के एमबी अस्पताल पहुंचे। रात करीब 1 बजे तक ऑपरेशन चला। राजकुमार शर्मा की पत्नी पुष्पा ने बताया कि शनिवार को राजकुमार शर्मा घर पर तैयार हो रहे थे तभी चक्कर खाकर गिर गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।कन्हैया की दुकान पर काम करता था| राजकुमार कन्हैयालाल साहू की मालदास स्ट्रीट में सुप्रीम टेलर्स पर 8 साल से कारीगर के रूप में काम करता था। 28 जून को जब कन्हैया की हत्या हुई, तब राजकुमार और ईश्वर साथ में थे। इसके बाद एनआईए ने दोनों को इस केस में मुख्य गवाह भी बनााया था। इस वारदात के बाद से ही राजकुमार सदमे में चल रहा था। परिवार ने उसे जैसे-तैसे संभाला, लेकिन आर्थिक तंगी ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया था। 24 घंटे पुलिस गार्ड्स के साथ होने से वे कही आ जा नहीं सकते थे। परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल हो रहा था।
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13 April 2022 12:19 PM
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