19 January 2023 12:48 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
सीकर के अरविंद चावला ने अपने स्टार्टअप के लिए राजस्थान इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव में पिच किया है। यह एक साल में 4.25 करोड़ का रेवेन्यू जेनेरेट कर रही है। इन्वेस्टर्स भी उनके स्टार्टअप में रुचि दिखा रहे हैं।अरविंद का यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। उनके पिता कभी गांव-गांव जाकर साइकिल पर साड़ियां बेचते थे। इसी से परिवार का खर्चा चलता था। अब अरविंद ने अपने पिता को साड़ियां बेचने का काम छुड़वा दिया है।इसके साथ ही रेस्टॉरेंट चलाने का जिम्मा सौंप दिया है। बता दें कि जयपुर में राजस्थान इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव 16 और 17 जनवरी को आयोजित किया गया। इसमें कुल 5 स्टार्टअप सलेक्ट किए गए। अब इनकी फंडिंग की जाएगी।अरविंद ने बताया- हम तीन फाउंडर हैं। तीनों इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं, लेकिन मैंने इंजीनियरिंग बीच में ही छोड़ दी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए थर्ड ईयर में ड्रॉपआउट कर दिया। फिर अहमदाबाद की एक कंपनी में काम करने लगा था। मन नहीं लगा तो जयपुर आ गया। सिर्फ 6 हजार रुपए लेकर जयपुर आया था।
टोंक फाटक के पास 4 हजार का कमरा ले लिया। फिर असली स्ट्रगल शुरू हुआ। रोज काम की तलाश में निकलता था। खाली हाथ घर लौट आता था। किराए के पैसे नहीं बचे तो मकान मालिक ने मेरे कमरे पर ताला लगा दिया। मैं बेघर हो गया। मकान मालिक को अपनी हालत बताई। उसने कुछ समय की मोहलत दे दी।
फिर कुछ दिन तक खाना नहीं खाया। इस दौरान घर पर ही रहा। घर के नीचे ही मकान मालिक की दुकान थी। दो दिन तक कमरे से बाहर नहीं निकला तो मकान मालिक देखने आया। मैं कमरे में बेहोश पड़ा था। होश मैं आया तो मकान मालिक को पूरी कहानी बताई।
उसने ही मुझे खाना खिलाया। दवाई दी। बोला- मेहनत करते रहो, काम जरूर मिल जाएगा। फिर अपने दोस्त साहिल को फोन किया। कुछ पैसे मांगकर काम चलाता रहा। साहिल आईआईटी कानपुर में पढ़ाता था। उससे क्रिटिकल हेल्थ केयर का आईडिया शेयर किया। साल 2017 में साहिल से आइपीक्योर ऐप बनाई। धीरे-धीरे ये काम करने लगा। तीन साल हमारा खर्चा साहिल ने ही उठाया। फिर कमाई शुरू हो गई।अरविंद ने बताया कि मैंने अपने दोस्त मोहम्मद इशाक और साहिल सोलंकी के साथ इस स्टार्टअप को बनाया था और यह हेल्थ केयर से संबंधित है।
ऐसे आया आईडिया
अरविंद ने बताया- मैंने अपने दोस्त मोहम्मद इशाक और साहिल सोलंकी के साथ इस स्टार्टअप को बनाया था। यह हेल्थ केयर से संबंधित है। हम अक्सर देखते थे कि सीरियस केस में डॉक्टर नहीं मिलने से मरीज को बड़े शहर के हॉस्पिटल में रेफर कर दिया जाता था। अक्सर ट्रेवलिंग में लगने वाले समय के कारण मरीज गंभीर हालत में पहुंच जाता था। मौत हो जाती थी।
ऐसे में हमने बड़े शहरों के हॉस्पिटल्स को रूरल एरिया के हॉस्पिटल में जोड़ने का काम किया। ऐप के जरिए जरूरतमंद हॉस्पिटल शहर के हॉस्पिटल में हमारे ऐप के जरिए रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। फिर यहां से डॉक्टर उस मरीज को वर्चुअल तरीके से ऑब्जर्व करते हुए उसका इलाज करता है। साहिल सोलंकी ने बताया कि हमने अब तक राजस्थान में 10 लाख से ज्यादा क्रिटिकल मरीजों को यह सुविधा उपलब्ध करवाई है।
साहिल सोलंकी ने बताया- हमने अब तक राजस्थान में 10 लाख से ज्यादा क्रिटिकल मरीजों को यह सुविधा उपलब्ध करवाई है। हम जयपुर से काम कर रहे हैं। राजस्थान में अब तक 1500 हॉस्पिटल्स को कवर किया है। अभी हम प्राइवेट हॉस्पिटल्स के साथ काम कर रहे हैं। भविष्य में हम सरकारी अस्पताल में भी काम करेंगे।
अरविंद चावला ने बताया कि हम तीनों दोस्तों ने ही मिलकर इसे बनाया है।अरविंद ने बताया- कोरोना काल में सबसे ज्यादा हमने इस ऐप पर काम किया। लोगों की कंडीशन सीरियस थी। हमने लाइव एक्टिव होकर अस्पताल को कनेक्ट किया। डॉक्टर्स को ऑनलाइन जोड़ा। लोगों की मदद की। यहां से हम नई दिशा में काम कर रहे थे। अभी हम राजस्थान और गुजरात में काम कर रहे हैं। आगे पूरे देश में काम करना चाह रहे हैं। जब हमारी अच्छी इनकम हो गई तो मैंने अपने पिता को अपने पास बुला लिया। उनके लिए अजमेर रोड स्थित महिंद्रा सेज में रेस्टॉरेंट खोल दिया। आज वह रेस्टॉरेंट बहुत अच्छा चल रहा है। पापा उसे संभाल रहे है। यह हमारे लिए बिग अचीवमेंट था।
अरविंद ने अपने पिता के लिए महिंद्रा सेज में रेस्तरां बनाया है।
इशाक ने बताया- हम पहली बार इन्वेस्टर्स कॉन्क्वलेव में आए हैं। हमने अब तक सरकार या अन्य जगहों से कोई मदद नहीं ली, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे में यहां हमारी पिचिंग हुई है। जो खुशी की बात है। इसके अलावा भी जयपुर और यूएस के कई इन्वेस्टर्स इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखा रहे है।
अरविंद ने बताया- साहिल मेरे बचपन का दोस्त हैं। हम स्कूल से साथ हैं। तीसरा पार्टनर मोहम्मद इशाक 2019 में जुड़ा। वह काफी हार्डवर्किंग है। उसे अच्छी नॉलेज भी थी।
होटल में डायरेक्टर ने देखा, और एक्टर बन गया बच्चा:4 साल के लड़के की मारवाड़ी बोली से इम्प्रेस हुए, कहा- बेटा लीड रोल करेगा
जोधपुर के 4 साल के रौनव की किस्मत उस समय बदल गई, जब वह अपने परिवार के साथ एक क्लब में डिनर कर रहा था। परिवार के साथ मारवाड़ी भाषा में बातें और चुलबुला अंदाज व हरकतों से डायरेक्टर व कास्टिंग डायरेक्टर इतने खुश हुए कि सीरियल में काम करने का मौका दे दिया। अब रौनव स्टार प्लस पर आने वाले सीरियल 'पांड्या स्टोर' में नजर आएगा। वह सीरियल में शिव और रावी के बेटे मिट्ठू का किरदार निभाएगा।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
सीकर के अरविंद चावला ने अपने स्टार्टअप के लिए राजस्थान इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव में पिच किया है। यह एक साल में 4.25 करोड़ का रेवेन्यू जेनेरेट कर रही है। इन्वेस्टर्स भी उनके स्टार्टअप में रुचि दिखा रहे हैं।अरविंद का यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। उनके पिता कभी गांव-गांव जाकर साइकिल पर साड़ियां बेचते थे। इसी से परिवार का खर्चा चलता था। अब अरविंद ने अपने पिता को साड़ियां बेचने का काम छुड़वा दिया है।इसके साथ ही रेस्टॉरेंट चलाने का जिम्मा सौंप दिया है। बता दें कि जयपुर में राजस्थान इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव 16 और 17 जनवरी को आयोजित किया गया। इसमें कुल 5 स्टार्टअप सलेक्ट किए गए। अब इनकी फंडिंग की जाएगी।अरविंद ने बताया- हम तीन फाउंडर हैं। तीनों इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं, लेकिन मैंने इंजीनियरिंग बीच में ही छोड़ दी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए थर्ड ईयर में ड्रॉपआउट कर दिया। फिर अहमदाबाद की एक कंपनी में काम करने लगा था। मन नहीं लगा तो जयपुर आ गया। सिर्फ 6 हजार रुपए लेकर जयपुर आया था।
टोंक फाटक के पास 4 हजार का कमरा ले लिया। फिर असली स्ट्रगल शुरू हुआ। रोज काम की तलाश में निकलता था। खाली हाथ घर लौट आता था। किराए के पैसे नहीं बचे तो मकान मालिक ने मेरे कमरे पर ताला लगा दिया। मैं बेघर हो गया। मकान मालिक को अपनी हालत बताई। उसने कुछ समय की मोहलत दे दी।
फिर कुछ दिन तक खाना नहीं खाया। इस दौरान घर पर ही रहा। घर के नीचे ही मकान मालिक की दुकान थी। दो दिन तक कमरे से बाहर नहीं निकला तो मकान मालिक देखने आया। मैं कमरे में बेहोश पड़ा था। होश मैं आया तो मकान मालिक को पूरी कहानी बताई।
उसने ही मुझे खाना खिलाया। दवाई दी। बोला- मेहनत करते रहो, काम जरूर मिल जाएगा। फिर अपने दोस्त साहिल को फोन किया। कुछ पैसे मांगकर काम चलाता रहा। साहिल आईआईटी कानपुर में पढ़ाता था। उससे क्रिटिकल हेल्थ केयर का आईडिया शेयर किया। साल 2017 में साहिल से आइपीक्योर ऐप बनाई। धीरे-धीरे ये काम करने लगा। तीन साल हमारा खर्चा साहिल ने ही उठाया। फिर कमाई शुरू हो गई।अरविंद ने बताया कि मैंने अपने दोस्त मोहम्मद इशाक और साहिल सोलंकी के साथ इस स्टार्टअप को बनाया था और यह हेल्थ केयर से संबंधित है।
ऐसे आया आईडिया
अरविंद ने बताया- मैंने अपने दोस्त मोहम्मद इशाक और साहिल सोलंकी के साथ इस स्टार्टअप को बनाया था। यह हेल्थ केयर से संबंधित है। हम अक्सर देखते थे कि सीरियस केस में डॉक्टर नहीं मिलने से मरीज को बड़े शहर के हॉस्पिटल में रेफर कर दिया जाता था। अक्सर ट्रेवलिंग में लगने वाले समय के कारण मरीज गंभीर हालत में पहुंच जाता था। मौत हो जाती थी।
ऐसे में हमने बड़े शहरों के हॉस्पिटल्स को रूरल एरिया के हॉस्पिटल में जोड़ने का काम किया। ऐप के जरिए जरूरतमंद हॉस्पिटल शहर के हॉस्पिटल में हमारे ऐप के जरिए रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। फिर यहां से डॉक्टर उस मरीज को वर्चुअल तरीके से ऑब्जर्व करते हुए उसका इलाज करता है। साहिल सोलंकी ने बताया कि हमने अब तक राजस्थान में 10 लाख से ज्यादा क्रिटिकल मरीजों को यह सुविधा उपलब्ध करवाई है।
साहिल सोलंकी ने बताया- हमने अब तक राजस्थान में 10 लाख से ज्यादा क्रिटिकल मरीजों को यह सुविधा उपलब्ध करवाई है। हम जयपुर से काम कर रहे हैं। राजस्थान में अब तक 1500 हॉस्पिटल्स को कवर किया है। अभी हम प्राइवेट हॉस्पिटल्स के साथ काम कर रहे हैं। भविष्य में हम सरकारी अस्पताल में भी काम करेंगे।
अरविंद चावला ने बताया कि हम तीनों दोस्तों ने ही मिलकर इसे बनाया है।अरविंद ने बताया- कोरोना काल में सबसे ज्यादा हमने इस ऐप पर काम किया। लोगों की कंडीशन सीरियस थी। हमने लाइव एक्टिव होकर अस्पताल को कनेक्ट किया। डॉक्टर्स को ऑनलाइन जोड़ा। लोगों की मदद की। यहां से हम नई दिशा में काम कर रहे थे। अभी हम राजस्थान और गुजरात में काम कर रहे हैं। आगे पूरे देश में काम करना चाह रहे हैं। जब हमारी अच्छी इनकम हो गई तो मैंने अपने पिता को अपने पास बुला लिया। उनके लिए अजमेर रोड स्थित महिंद्रा सेज में रेस्टॉरेंट खोल दिया। आज वह रेस्टॉरेंट बहुत अच्छा चल रहा है। पापा उसे संभाल रहे है। यह हमारे लिए बिग अचीवमेंट था।
अरविंद ने अपने पिता के लिए महिंद्रा सेज में रेस्तरां बनाया है।
इशाक ने बताया- हम पहली बार इन्वेस्टर्स कॉन्क्वलेव में आए हैं। हमने अब तक सरकार या अन्य जगहों से कोई मदद नहीं ली, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे में यहां हमारी पिचिंग हुई है। जो खुशी की बात है। इसके अलावा भी जयपुर और यूएस के कई इन्वेस्टर्स इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखा रहे है।
अरविंद ने बताया- साहिल मेरे बचपन का दोस्त हैं। हम स्कूल से साथ हैं। तीसरा पार्टनर मोहम्मद इशाक 2019 में जुड़ा। वह काफी हार्डवर्किंग है। उसे अच्छी नॉलेज भी थी।
होटल में डायरेक्टर ने देखा, और एक्टर बन गया बच्चा:4 साल के लड़के की मारवाड़ी बोली से इम्प्रेस हुए, कहा- बेटा लीड रोल करेगा
जोधपुर के 4 साल के रौनव की किस्मत उस समय बदल गई, जब वह अपने परिवार के साथ एक क्लब में डिनर कर रहा था। परिवार के साथ मारवाड़ी भाषा में बातें और चुलबुला अंदाज व हरकतों से डायरेक्टर व कास्टिंग डायरेक्टर इतने खुश हुए कि सीरियल में काम करने का मौका दे दिया। अब रौनव स्टार प्लस पर आने वाले सीरियल 'पांड्या स्टोर' में नजर आएगा। वह सीरियल में शिव और रावी के बेटे मिट्ठू का किरदार निभाएगा।
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