15 April 2022 01:59 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार जयपुर । उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दंगा भड़काने के आरोपियों के घर गिराने के बाद बुलडोजर राजनीति की हर तरफ चर्चा है, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके विरोध में उतर आए हैं। गहलोत ने कहा- कई राज्यों में रामनवमी पर दंगे भड़क गए,
आग लग गई, आज उनके मकान तोड़े जा रहे हैं, आप बताइए किसने अधिकार दिया आपको। यह अधिकार तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पास भी नहीं होता है कि आप बिना कोई तफ्तीश किए, बिना किसी को दोषी ठहराए हुए आप किसी का मकान तोड़ दो।
जिनके घर टूटे उन पर क्या बीत रही होगी
गहलोत जयपुर में अंबेडकर जयंती पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हम कह रहे हैं कि करौली में निर्दोष लोग पकड़े जा रहे हैं। क्या राजस्थान सरकार करौली मामले में अरेस्ट हुए लोगों के घरों पर जाकर केवल इस आधार पर बुलडोजर चला दे कि वे अरेस्ट हो गए हैं। मकानों को ध्वस्त करने से उन पर क्या बीत रही होगी। मैं रात को टीवी पर देख रहा था, वे गरीब लोग थे, रो रहे थे। यह अधिकार किसी को नहीं हैं। आज जो खुश हो रहे हैं, उन्हें भी भुगतना पड़ेगा।
गहलोत ने कहा- केवल आरोप के आधार पर किसी को मकान तोडऩे का अधिकार किसी के पास नहीं है। यह अधिकार कानून के पास है, कानून अपना काम करे, उसके मुताबिक आप काम करो कोई दिक्कत नहीं है। कानून का राज नहीं रहेगा तो सबको भुगतना पड़ेगा एक न एक दिन। आज जो खुश हो रहे हैं न, हो सकता
है उन्हें भी भुगतना पड़े। कानून की, संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। लोकतंत्र को ही खतरे में डाल दिया है। ज्यूडिशियरी दबाव में है, ईडी, सीबीआई के छापे पड़ रहे हैं। क्या हो रहा है देश के अंदर। देशवासियों नौजवानों को समझना पड़ेगा कि देश किस दिशा में जा रहा है अन्यथा वे आने वाले जमाने में भुगतेंगे।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार जयपुर । उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दंगा भड़काने के आरोपियों के घर गिराने के बाद बुलडोजर राजनीति की हर तरफ चर्चा है, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके विरोध में उतर आए हैं। गहलोत ने कहा- कई राज्यों में रामनवमी पर दंगे भड़क गए,
आग लग गई, आज उनके मकान तोड़े जा रहे हैं, आप बताइए किसने अधिकार दिया आपको। यह अधिकार तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पास भी नहीं होता है कि आप बिना कोई तफ्तीश किए, बिना किसी को दोषी ठहराए हुए आप किसी का मकान तोड़ दो।
जिनके घर टूटे उन पर क्या बीत रही होगी
गहलोत जयपुर में अंबेडकर जयंती पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हम कह रहे हैं कि करौली में निर्दोष लोग पकड़े जा रहे हैं। क्या राजस्थान सरकार करौली मामले में अरेस्ट हुए लोगों के घरों पर जाकर केवल इस आधार पर बुलडोजर चला दे कि वे अरेस्ट हो गए हैं। मकानों को ध्वस्त करने से उन पर क्या बीत रही होगी। मैं रात को टीवी पर देख रहा था, वे गरीब लोग थे, रो रहे थे। यह अधिकार किसी को नहीं हैं। आज जो खुश हो रहे हैं, उन्हें भी भुगतना पड़ेगा।
गहलोत ने कहा- केवल आरोप के आधार पर किसी को मकान तोडऩे का अधिकार किसी के पास नहीं है। यह अधिकार कानून के पास है, कानून अपना काम करे, उसके मुताबिक आप काम करो कोई दिक्कत नहीं है। कानून का राज नहीं रहेगा तो सबको भुगतना पड़ेगा एक न एक दिन। आज जो खुश हो रहे हैं न, हो सकता
है उन्हें भी भुगतना पड़े। कानून की, संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। लोकतंत्र को ही खतरे में डाल दिया है। ज्यूडिशियरी दबाव में है, ईडी, सीबीआई के छापे पड़ रहे हैं। क्या हो रहा है देश के अंदर। देशवासियों नौजवानों को समझना पड़ेगा कि देश किस दिशा में जा रहा है अन्यथा वे आने वाले जमाने में भुगतेंगे।
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