24 April 2022 11:47 AM
जोग संजोग टाइम्स,
गैंगस्टर्स का पाताललोक की आखिरी किस्त में जो कहानी भास्कर टीम के सामने आई, उसे जानने के लिए पहले एक दूसरी कहानी याद करना जरूरी है, जो हम सबने बचपन में सुनी है।
एक राजा था, जिसे वरदान मिला वो जिस भी चीज को छूएगा, सोने की बन जाएगी। देखते ही देखते राजा के छूने से कुर्सी, मेज, गमले, पलंग, पेड़ सब सोने के हो गए। राजा को भूख लगी लेकिन खा नहीं पाया, क्योंकि उसके छूने से खाना भी सोने का हो गया। गलती से इकलौती बेटी को छू लिया तो वो भी सोने की हो गई।
कुछ ऐसी ही कहानी है, जोधपुर के दो भाइयों की, जो सबसे बड़े गैंगस्टर बनना चाहते थे। जमीन विवादों में करोड़ों रुपए कमाए। दूसरे गैंगस्टर को मरवाने के लिए करोड़ों की सुपारी दी। लूट, हत्या, फिरौती के 40 से ज्यादा मुकदमे।
दौलत की नुमाइश के लिए आलीशान कोठी बनाई, लग्जरी गाड़ियां खरीदी, लेकिन ये शानो शौकत दोनों ही भाइयों के काम नहीं आई। एक भाई एनकाउंटर में मारा गया और दूसरा पुलिस से बचने के लिए मारा-मारा फिर रहा है। आलाशीन कोठी में सिर्फ बूढ़े मां-बाप हैं, जिन्होंने अपने बेटे को महीनों से नहीं देखा।
गैंगस्टर्स का पाताललोक में आज बात जोधपुर के गैंगस्टर भाइयों लवली और मोंटू कंडारा की…
मोंटू और लवली कंडारा का आलीशान घर, जिसमें अब सिर्फ उनके मां-बाप रहते हैं।
पोते-पोती देखने थे, बेटे की लाश देखनी पड़ी
जोधपुर में भास्कर टीम लवली और मोंटू कंडारा के मां-बाप से मिलने के लिए उनके घर पहुंची। आलीशान कोठीनुमा घर, जिसके बाहर खड़ी थी लग्जरी गाड़ियां। घर का गेट खुलने के साथ ही इस चकाचौंध की असलियत सामने आई। इतने बड़े घर में थे सिर्फ दो लोग। लवली और मोंटू के 60 साल पिता रेलवे से रिटायर्ड किशन कुमार और उनकी मां 55 साल की उषा देवी।
मोंटू-लवली का जिक्र आते ही उषा देवी की आंखें और गला भर आया। बोलीं- ‘हमारा परिवार तो बसने से पहले ही उजड़ गया। सोचा था- दोनों बेटों की धूमधाम से शादी होगी। पोते-पोतियों की किलकारी से घर गूंजेगा। 25 साल का बेटा हमेशा के लिए चला गया। बड़े बेटे पर पुलिस ने दर्जनों केस कर दिए। महीनों से उसका चेहरा नहीं देखा। इतना बड़ा घर है लेकिन बेटों के बिना सब सूना है।’
लवली कंडारा 10वीं तक पढ़ा हुआ था। दोस्तों के एक झगड़े के कारण वो क्राइम की दुनिया में आ गया। नाम बनाने के लिए उसने कई वारदातों को अंजाम दिया।
शहर के सबसे बड़े गैंगस्टर बनना चाहते थे
लवली कंडारा 10वीं तक पढ़ा हुआ था। दोस्तों के एक झगड़े के कारण वो क्राइम की दुनिया में आ गया। नाम बनाने के लिए उसने कई वारदातों को अंजाम दिया। जमीन विवाद और वसूली से करोड़ों रुपए कमाए। बड़े भाई मोंटू के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज थे। दोनों भाई शहर में वर्चस्व बनाना चाहते थे।
मोंटू ने अपने दुश्मन गैंगस्टर कैलाश मांजू के खात्मे के लिए विक्रम सिंह नांदिया के साथ मिलकर भीलवाड़ा कॉन्स्टेबल हत्या कांड के मुख्य आरोपी राजू फौजी को 1 करोड़ रुपए की सुपारी भी दी थी। लवली के खिलाफ लूट, हत्या, फिरौती के 12 तो बड़े भाई मोंटू कंडारा के खिलाफ 30 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
करोड़ों के मालिक ने भूखे पेट काटी फरारी
लवली के एक दोस्त ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बचपन में भी मोहल्ले के सारे बच्चे लवली से डरते थे। करोड़ों रुपए थे, लेकिन जब फरारी काट रहा होता था तो खाने के पैसे भी नहीं होते। शर्म के कारण दोस्तों और रिश्तेदारों से भी नहीं मांग पाता। कई बार भूखा सोना पड़ता।
वाल्मीकि समाज ने लवली कंडारा के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच और पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर शव नहीं उठाया और धरना शुरू कर दिया था।
पुलिस ने पीछा किया तो हवाई फायर किए
रातानाडा एसएचओ लीलाराम को 13 अक्टूबर 2021 को लवली के क्षेत्र में होने की सूचना मिली थी। लीलाराम एडीसीपी के गनमैन से पिस्टल लेकर खुद की कार में तीन कॉन्स्टेबल को लेकर रवाना हुए। इधर, लवली अपने 6 साथियों के साथ एसयूवी में था।
लीलाराम के साथ तीनों कॉन्स्टेबल ने उसकी एसयूवी को घेर लिया। लवली को पकड़ने लगे, तभी उसने पिस्टल निकालकर कॉन्स्टेबल से अपने आप को छुड़ाया। लवली और उसके साथी एसयूवी में भागने लगे। इंजीनियरिंग कॉलेज के पास ग्रीन गेट पर लवली की एसयूवी डिवाइडर पर चढ़ गई। इसी दौरान लीलाराम की कार भी उनके नजदीक आ गई। पुलिस की कार पास आने पर लवली ने पुलिस की तरफ हवाई फायर किया। हवाई फायर पर पुलिस की कार के रुकते ही एसयूवी ने बैक लेते हुए कार को टक्कर मारी और गाड़ी भगाने लगे।
एडीजी ने एसएचओ लीलाराम सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। इधर कार्रवाई से नाराज पुलिसकर्मियों ने मैस का बहिष्कार कर अपना विरोध जताया। एसएचओ लीलाराम व अन्य पुलिसकर्मियों के पक्ष में ट्वीटर पर अभियान चलाया गया।
इस तरह एनकाउंटर में मारा गया लवली
जोधपुर-जयपुर रोड पर लवली की एसयूवी ने बाइक पर जा रहे दंपती को टक्कर मार दी। एसयूवी के रुकते ही लीलाराम की गाड़ी भी बगल में आ गई। अब लीलाराम व लवली की गाड़ी अगल-बगल में थी।
लवली की पहली गोली कार के बंपर व दूसरी लीलाराम के पैरों के पास लगी। लवली ने दूसरी गोली चलाई, लेकिन पिस्टल में फंसी रह गई।
जवाबी कार्रवाई करते हुए लीलाराम ने 7 फायर किए। गोलियां लवली के सीने, पसलियों व हाथ में घुस गई। लवली के ढेर होते ही उसके साथी भागने लगे तो लीलाराम ने आठवां फायर हवा में किया और ड्राइवर को पकड़ लिया।
ऐसा केस जिसमें पहली बार पुलिस ने धरना दिया
वाल्मीकि समाज ने लवली कंडारा के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच और पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर शव नहीं उठाया और धरना शुरू कर दिया। एडीजी ने एसएचओ लीलाराम सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
इधर कार्रवाई से नाराज पुलिसकर्मियों ने मैस का बहिष्कार कर अपना विरोध जताया। एसएचओ लीलाराम व अन्य पुलिसकर्मियों के पक्ष में ट्वीटर पर अभियान चलाया गया। पुलिस के पक्ष में 50 हजार से ट्वीट किए गए। लवली के घरवालों ने सीबीआई जांच के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाया। मामले की गूंज विधानसभा तक पहुंची।
एसएचओ लीलाराम व अन्य पुलिसकर्मियों के पक्ष में ट्वीटर पर अभियान चलाया गया। पुलिस के पक्ष में 50 हजार से ट्वीट किए गए।
मोंटू बोला- 400 करोड़ की जमीन के मामले में हुआ फर्जी एनकाउंटर
मोंटू के पास बेशुमार दौलत है, लेकिन इस दौलत को कमाने के लिए जो रास्ता उसने चुना, वो उसे उसके परिवार से बहुत दूर ले गया। मोंटू पुलिस से बचता फिर रहा है। काफी कोशिशों के बाद वो अपने ठिकाने पर भास्कर टीम से मिलने के लिए राजी हुआ।
बातचीत शुरू हुई तो मोंटू बोला- एसएचओ लीलाराम ने 400 करोड़ की जमीन के मामले में उसके भाई लवली का फर्जी एनकाउंटर किया। एनकाउंटर से कुछ दिन पहले ही लवली का लीलाराम से झगड़ा भी हुआ था। लीलाराम ने लवली को जमीन के मामले से हटने के लिए कहा था। लवली के मना करने पर लीलाराम ने उसका एनकाउंटर कर दिया।
मोंटू बोला- मेरे भाई के खिलाफ इतने केस ही नहीं थे कि उसका एनकाउंटर करना पड़े।
जोग संजोग टाइम्स,
गैंगस्टर्स का पाताललोक की आखिरी किस्त में जो कहानी भास्कर टीम के सामने आई, उसे जानने के लिए पहले एक दूसरी कहानी याद करना जरूरी है, जो हम सबने बचपन में सुनी है।
एक राजा था, जिसे वरदान मिला वो जिस भी चीज को छूएगा, सोने की बन जाएगी। देखते ही देखते राजा के छूने से कुर्सी, मेज, गमले, पलंग, पेड़ सब सोने के हो गए। राजा को भूख लगी लेकिन खा नहीं पाया, क्योंकि उसके छूने से खाना भी सोने का हो गया। गलती से इकलौती बेटी को छू लिया तो वो भी सोने की हो गई।
कुछ ऐसी ही कहानी है, जोधपुर के दो भाइयों की, जो सबसे बड़े गैंगस्टर बनना चाहते थे। जमीन विवादों में करोड़ों रुपए कमाए। दूसरे गैंगस्टर को मरवाने के लिए करोड़ों की सुपारी दी। लूट, हत्या, फिरौती के 40 से ज्यादा मुकदमे।
दौलत की नुमाइश के लिए आलीशान कोठी बनाई, लग्जरी गाड़ियां खरीदी, लेकिन ये शानो शौकत दोनों ही भाइयों के काम नहीं आई। एक भाई एनकाउंटर में मारा गया और दूसरा पुलिस से बचने के लिए मारा-मारा फिर रहा है। आलाशीन कोठी में सिर्फ बूढ़े मां-बाप हैं, जिन्होंने अपने बेटे को महीनों से नहीं देखा।
गैंगस्टर्स का पाताललोक में आज बात जोधपुर के गैंगस्टर भाइयों लवली और मोंटू कंडारा की…
मोंटू और लवली कंडारा का आलीशान घर, जिसमें अब सिर्फ उनके मां-बाप रहते हैं।
पोते-पोती देखने थे, बेटे की लाश देखनी पड़ी
जोधपुर में भास्कर टीम लवली और मोंटू कंडारा के मां-बाप से मिलने के लिए उनके घर पहुंची। आलीशान कोठीनुमा घर, जिसके बाहर खड़ी थी लग्जरी गाड़ियां। घर का गेट खुलने के साथ ही इस चकाचौंध की असलियत सामने आई। इतने बड़े घर में थे सिर्फ दो लोग। लवली और मोंटू के 60 साल पिता रेलवे से रिटायर्ड किशन कुमार और उनकी मां 55 साल की उषा देवी।
मोंटू-लवली का जिक्र आते ही उषा देवी की आंखें और गला भर आया। बोलीं- ‘हमारा परिवार तो बसने से पहले ही उजड़ गया। सोचा था- दोनों बेटों की धूमधाम से शादी होगी। पोते-पोतियों की किलकारी से घर गूंजेगा। 25 साल का बेटा हमेशा के लिए चला गया। बड़े बेटे पर पुलिस ने दर्जनों केस कर दिए। महीनों से उसका चेहरा नहीं देखा। इतना बड़ा घर है लेकिन बेटों के बिना सब सूना है।’
लवली कंडारा 10वीं तक पढ़ा हुआ था। दोस्तों के एक झगड़े के कारण वो क्राइम की दुनिया में आ गया। नाम बनाने के लिए उसने कई वारदातों को अंजाम दिया।
शहर के सबसे बड़े गैंगस्टर बनना चाहते थे
लवली कंडारा 10वीं तक पढ़ा हुआ था। दोस्तों के एक झगड़े के कारण वो क्राइम की दुनिया में आ गया। नाम बनाने के लिए उसने कई वारदातों को अंजाम दिया। जमीन विवाद और वसूली से करोड़ों रुपए कमाए। बड़े भाई मोंटू के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज थे। दोनों भाई शहर में वर्चस्व बनाना चाहते थे।
मोंटू ने अपने दुश्मन गैंगस्टर कैलाश मांजू के खात्मे के लिए विक्रम सिंह नांदिया के साथ मिलकर भीलवाड़ा कॉन्स्टेबल हत्या कांड के मुख्य आरोपी राजू फौजी को 1 करोड़ रुपए की सुपारी भी दी थी। लवली के खिलाफ लूट, हत्या, फिरौती के 12 तो बड़े भाई मोंटू कंडारा के खिलाफ 30 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
करोड़ों के मालिक ने भूखे पेट काटी फरारी
लवली के एक दोस्त ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बचपन में भी मोहल्ले के सारे बच्चे लवली से डरते थे। करोड़ों रुपए थे, लेकिन जब फरारी काट रहा होता था तो खाने के पैसे भी नहीं होते। शर्म के कारण दोस्तों और रिश्तेदारों से भी नहीं मांग पाता। कई बार भूखा सोना पड़ता।
वाल्मीकि समाज ने लवली कंडारा के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच और पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर शव नहीं उठाया और धरना शुरू कर दिया था।
पुलिस ने पीछा किया तो हवाई फायर किए
रातानाडा एसएचओ लीलाराम को 13 अक्टूबर 2021 को लवली के क्षेत्र में होने की सूचना मिली थी। लीलाराम एडीसीपी के गनमैन से पिस्टल लेकर खुद की कार में तीन कॉन्स्टेबल को लेकर रवाना हुए। इधर, लवली अपने 6 साथियों के साथ एसयूवी में था।
लीलाराम के साथ तीनों कॉन्स्टेबल ने उसकी एसयूवी को घेर लिया। लवली को पकड़ने लगे, तभी उसने पिस्टल निकालकर कॉन्स्टेबल से अपने आप को छुड़ाया। लवली और उसके साथी एसयूवी में भागने लगे। इंजीनियरिंग कॉलेज के पास ग्रीन गेट पर लवली की एसयूवी डिवाइडर पर चढ़ गई। इसी दौरान लीलाराम की कार भी उनके नजदीक आ गई। पुलिस की कार पास आने पर लवली ने पुलिस की तरफ हवाई फायर किया। हवाई फायर पर पुलिस की कार के रुकते ही एसयूवी ने बैक लेते हुए कार को टक्कर मारी और गाड़ी भगाने लगे।
एडीजी ने एसएचओ लीलाराम सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। इधर कार्रवाई से नाराज पुलिसकर्मियों ने मैस का बहिष्कार कर अपना विरोध जताया। एसएचओ लीलाराम व अन्य पुलिसकर्मियों के पक्ष में ट्वीटर पर अभियान चलाया गया।
इस तरह एनकाउंटर में मारा गया लवली
जोधपुर-जयपुर रोड पर लवली की एसयूवी ने बाइक पर जा रहे दंपती को टक्कर मार दी। एसयूवी के रुकते ही लीलाराम की गाड़ी भी बगल में आ गई। अब लीलाराम व लवली की गाड़ी अगल-बगल में थी।
लवली की पहली गोली कार के बंपर व दूसरी लीलाराम के पैरों के पास लगी। लवली ने दूसरी गोली चलाई, लेकिन पिस्टल में फंसी रह गई।
जवाबी कार्रवाई करते हुए लीलाराम ने 7 फायर किए। गोलियां लवली के सीने, पसलियों व हाथ में घुस गई। लवली के ढेर होते ही उसके साथी भागने लगे तो लीलाराम ने आठवां फायर हवा में किया और ड्राइवर को पकड़ लिया।
ऐसा केस जिसमें पहली बार पुलिस ने धरना दिया
वाल्मीकि समाज ने लवली कंडारा के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच और पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर शव नहीं उठाया और धरना शुरू कर दिया। एडीजी ने एसएचओ लीलाराम सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
इधर कार्रवाई से नाराज पुलिसकर्मियों ने मैस का बहिष्कार कर अपना विरोध जताया। एसएचओ लीलाराम व अन्य पुलिसकर्मियों के पक्ष में ट्वीटर पर अभियान चलाया गया। पुलिस के पक्ष में 50 हजार से ट्वीट किए गए। लवली के घरवालों ने सीबीआई जांच के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाया। मामले की गूंज विधानसभा तक पहुंची।
एसएचओ लीलाराम व अन्य पुलिसकर्मियों के पक्ष में ट्वीटर पर अभियान चलाया गया। पुलिस के पक्ष में 50 हजार से ट्वीट किए गए।
मोंटू बोला- 400 करोड़ की जमीन के मामले में हुआ फर्जी एनकाउंटर
मोंटू के पास बेशुमार दौलत है, लेकिन इस दौलत को कमाने के लिए जो रास्ता उसने चुना, वो उसे उसके परिवार से बहुत दूर ले गया। मोंटू पुलिस से बचता फिर रहा है। काफी कोशिशों के बाद वो अपने ठिकाने पर भास्कर टीम से मिलने के लिए राजी हुआ।
बातचीत शुरू हुई तो मोंटू बोला- एसएचओ लीलाराम ने 400 करोड़ की जमीन के मामले में उसके भाई लवली का फर्जी एनकाउंटर किया। एनकाउंटर से कुछ दिन पहले ही लवली का लीलाराम से झगड़ा भी हुआ था। लीलाराम ने लवली को जमीन के मामले से हटने के लिए कहा था। लवली के मना करने पर लीलाराम ने उसका एनकाउंटर कर दिया।
मोंटू बोला- मेरे भाई के खिलाफ इतने केस ही नहीं थे कि उसका एनकाउंटर करना पड़े।
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05 January 2023 04:56 PM
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