30 May 2021 03:15 PM
मृतक पति के अंतिम संस्कार को लेकर पत्नी और लिव-इन-रिलेशनशिप में रही महिला के बीच दावेदारी
रामसिंहपुर (श्रीगंगानगर)। अब तक आपने संपत्तियों पर कई लोगों के अपना होने का हक जताते देखा होगा, लेकिन श्रीगंगानगर के रामसिंहपुर में शनिवार को इसके उलट हुआ। वहां एक व्यक्ति की कैंसर से मौत हो गई। अंतिम संस्कार से पहले ही शव पर दो महिलाओं के हक जताने को लेकर विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को बुला लिया गया। एकबारगी नौबत यह आ गई कि शव को मोर्चरी में रखवाएंगे और असली वारिस का फैसला होने पर ही शव का अंतिम संस्कार करेंगे। आखिर तीन घंटे की वार्ता चली और तय हुआ कि पार्थिव देह पहली पत्नी को दी जाए।
अंतिम रस्में पहली पत्नी करेगी, सामान सर्वजीत देगी
श्रीविजयनगर निवासी बृजलाल लावा ग्राम पंचायत में सचिव पद पर थे। उनकी शादी मोहरादेवी से हुई। उनके तीन बच्चे हुए। अनबन के चलते उन्होंनेपत्नी मोहरादेवी को छोड़ दिया। फिर वे 25 साल पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सर्वजीतकौर के संपर्क में आए और दोनों रामसिंहपुर के वार्ड नंबर नौ स्थितअपने मकान में लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने लगे। इस बीच, शनिवार को बृजलाल की कैंसर से मौत हो गई।दोपहर बाद अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। सामान भी बाजार से मंगवा लिया गया। तभी मोहरादेवी अपने बच्चों व कई लोगों को लेकर वहां पहुंची और बृजलाल के शव पर अपना हक जताने लगी। सर्वजीतकौर ने इसे देने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि वही बृजलाल के शव का अंतिम संस्कार करवाएगी। विवाद बढ़ता देख रामसिंहपुर पुलिस को सूचना दी गई।एसएचओ सरजीतकुमार फोर्स सहित वहां पहुंच गए। वहां पालिका के पूर्व अध्यक्ष सुशील मिड्ढा आिद मौजूद थे। दोनों महिलाओं की बात सुनने के बादलोगों की भी वहां दोराय हो गई। कुछ लोगों ने कहा कि बृजलाल की अंतिम समय तक सेवा सर्वजीतकौर ने की है। इसलिए शव पर पहला हक उसी काहै।लेकिन कुछ लोगों ने कहा कि चूंकि मोहरादेवी बृजलाल की पत्नी है। इसलिए शव पर कानूनन हक उसका है। आखिर तय हुआ कि शव मोहरादेवी को दे दिया जाए। अंतिम रस्में उसी के बेटे करेंगे, लेकिन अंतिम संस्कार में सामान सर्वजीतकौर मंगाएगी।
मृतक पति के अंतिम संस्कार को लेकर पत्नी और लिव-इन-रिलेशनशिप में रही महिला के बीच दावेदारी
रामसिंहपुर (श्रीगंगानगर)। अब तक आपने संपत्तियों पर कई लोगों के अपना होने का हक जताते देखा होगा, लेकिन श्रीगंगानगर के रामसिंहपुर में शनिवार को इसके उलट हुआ। वहां एक व्यक्ति की कैंसर से मौत हो गई। अंतिम संस्कार से पहले ही शव पर दो महिलाओं के हक जताने को लेकर विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को बुला लिया गया। एकबारगी नौबत यह आ गई कि शव को मोर्चरी में रखवाएंगे और असली वारिस का फैसला होने पर ही शव का अंतिम संस्कार करेंगे। आखिर तीन घंटे की वार्ता चली और तय हुआ कि पार्थिव देह पहली पत्नी को दी जाए।
अंतिम रस्में पहली पत्नी करेगी, सामान सर्वजीत देगी
श्रीविजयनगर निवासी बृजलाल लावा ग्राम पंचायत में सचिव पद पर थे। उनकी शादी मोहरादेवी से हुई। उनके तीन बच्चे हुए। अनबन के चलते उन्होंनेपत्नी मोहरादेवी को छोड़ दिया। फिर वे 25 साल पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सर्वजीतकौर के संपर्क में आए और दोनों रामसिंहपुर के वार्ड नंबर नौ स्थितअपने मकान में लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने लगे। इस बीच, शनिवार को बृजलाल की कैंसर से मौत हो गई।दोपहर बाद अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। सामान भी बाजार से मंगवा लिया गया। तभी मोहरादेवी अपने बच्चों व कई लोगों को लेकर वहां पहुंची और बृजलाल के शव पर अपना हक जताने लगी। सर्वजीतकौर ने इसे देने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि वही बृजलाल के शव का अंतिम संस्कार करवाएगी। विवाद बढ़ता देख रामसिंहपुर पुलिस को सूचना दी गई।एसएचओ सरजीतकुमार फोर्स सहित वहां पहुंच गए। वहां पालिका के पूर्व अध्यक्ष सुशील मिड्ढा आिद मौजूद थे। दोनों महिलाओं की बात सुनने के बादलोगों की भी वहां दोराय हो गई। कुछ लोगों ने कहा कि बृजलाल की अंतिम समय तक सेवा सर्वजीतकौर ने की है। इसलिए शव पर पहला हक उसी काहै।लेकिन कुछ लोगों ने कहा कि चूंकि मोहरादेवी बृजलाल की पत्नी है। इसलिए शव पर कानूनन हक उसका है। आखिर तय हुआ कि शव मोहरादेवी को दे दिया जाए। अंतिम रस्में उसी के बेटे करेंगे, लेकिन अंतिम संस्कार में सामान सर्वजीतकौर मंगाएगी।
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