23 September 2023 11:32 AM
नई दिल्ली, 23 सितंबर। देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में शनिवार को बैठक होगी। इस बैठक में संभावना पर आगे बढ़ने की रूपरेखा तय की जाएगी। साथ ही चुनाव प्रक्रिया से जुड़े लोगों से विचार-विमर्श का कार्यक्रम भी निश्चित किया जाएगा।
कोविंद ने 23 सितंबर को बैठक होने की जानकारी हाल के अपने ओडिशा दौरे में दी थी। केंद्र सरकार ने दो सितंबर को अधिसूचना जारी कर देश में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार के लिए आठ सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था।अधिसूचना में समिति से एक साथ चुनाव की बाबत रिपोर्ट जल्द देने का अनुरोध किया गया है। शनिवार को होने वाली बैठक में संभावना को टटोलने का पूरा खाका तैयार होगा।
आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह शामिल हैं।
इस समिति में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी नामित किया गया था लेकिन उन्होंने इस समिति का सदस्य बनने से इनकार कर दिया। बताते चलें कि इस समिति के गठन और उसके उद्देश्य को लेकर विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए ने सवाल उठाए हैं।
एक सितंबर को मुंबई में हुई गठबंधन की बैठक में सरकार की मंशा पर हैरानी जताई गई। कहा गया कि इससे देश के संघीय ढांचे को खतरा पैदा हो जाएगा जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ होगा।
नई दिल्ली, 23 सितंबर। देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में शनिवार को बैठक होगी। इस बैठक में संभावना पर आगे बढ़ने की रूपरेखा तय की जाएगी। साथ ही चुनाव प्रक्रिया से जुड़े लोगों से विचार-विमर्श का कार्यक्रम भी निश्चित किया जाएगा।
कोविंद ने 23 सितंबर को बैठक होने की जानकारी हाल के अपने ओडिशा दौरे में दी थी। केंद्र सरकार ने दो सितंबर को अधिसूचना जारी कर देश में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार के लिए आठ सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था।अधिसूचना में समिति से एक साथ चुनाव की बाबत रिपोर्ट जल्द देने का अनुरोध किया गया है। शनिवार को होने वाली बैठक में संभावना को टटोलने का पूरा खाका तैयार होगा।
आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह शामिल हैं।
इस समिति में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी नामित किया गया था लेकिन उन्होंने इस समिति का सदस्य बनने से इनकार कर दिया। बताते चलें कि इस समिति के गठन और उसके उद्देश्य को लेकर विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए ने सवाल उठाए हैं।
एक सितंबर को मुंबई में हुई गठबंधन की बैठक में सरकार की मंशा पर हैरानी जताई गई। कहा गया कि इससे देश के संघीय ढांचे को खतरा पैदा हो जाएगा जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ होगा।
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