20 May 2022 11:10 AM

जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार पीबीएम हॉस्पिटल में सेवा दे रहे 12 डॉक्टर हर रोज ड्यूटी पर आते हैं। अपना काम करते हैं लेकिन तनख्वाह चार महीनों से नहीं मिल रही। यही स्थिति मेडिकल कॉलेज में नियुक्त 17 डॉक्टर्स की है। ये भी अपनी पूरी ड्यूटी देने के बावजूद वेतन से वंचित हैं। वजह, सरकार ने सरप्लस घोषित कर दिया। नई नियुक्ति या रिलीव का आदेश नहीं हुआ। ऐसे में बे-वेतन काम कर रहे हैं।
पीबीएम और मेडिकल कॉलेज में नियुक्त ये अधिशेष डॉक्टर हर दिन मरीजों को अपनी सेवा तो दे रहे हैं उन 13 डॉक्टर्स की हालत तो और भी खराब है जिन्हें सीएमएचओ के अधीन रखा गया है। इन्हें काम करने की जगह तक नहीं पता। मतलब यह कि इनकी ड्यूटी चार महीनाें से किसी भी हाॅस्पिटल में नहीं लगाई गई। ये ऑफिस आकर हाजिरी लगाते हैं। पूछते हैं, सरकार ने कोई रिलीव या नियुक्ति का अदेश दिया है। उत्तर मिलता है-नहीं। घर लौट जाते हैं। इन डॉक्टर्स जैसी ही स्थिति 46 नर्सिंगकर्मियों की है जां सरप्लस घोषित होने के बाद सीएमएचओ कार्यालय में मुख्यालय मानते हुए हाजिरी लगा रहे हैं।
अब इनमें चार-पांच को कंट्रोल रूम सहित अन्य जगह अनौपचारिक नियुक्ति दी गई है। तनख्वाह इन्हें भी नहीं मिल रही है। सीएमएचओ डाॅ.बी.एल.मीणा कहते हैं, सरप्लस डॉक्टर-नर्सेज के विकल्प पत्र भरवा लिए गए थे। सरकार जो भी आदेश देगी उसी अनुरूप नियुक्ति हो जाएगी। इनका वेतन कहां से उठना है, इस बारे में सरकार ने अभी आदेश नहीं दिया है। एक पत्र भी लिखा है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार पीबीएम हॉस्पिटल में सेवा दे रहे 12 डॉक्टर हर रोज ड्यूटी पर आते हैं। अपना काम करते हैं लेकिन तनख्वाह चार महीनों से नहीं मिल रही। यही स्थिति मेडिकल कॉलेज में नियुक्त 17 डॉक्टर्स की है। ये भी अपनी पूरी ड्यूटी देने के बावजूद वेतन से वंचित हैं। वजह, सरकार ने सरप्लस घोषित कर दिया। नई नियुक्ति या रिलीव का आदेश नहीं हुआ। ऐसे में बे-वेतन काम कर रहे हैं।
पीबीएम और मेडिकल कॉलेज में नियुक्त ये अधिशेष डॉक्टर हर दिन मरीजों को अपनी सेवा तो दे रहे हैं उन 13 डॉक्टर्स की हालत तो और भी खराब है जिन्हें सीएमएचओ के अधीन रखा गया है। इन्हें काम करने की जगह तक नहीं पता। मतलब यह कि इनकी ड्यूटी चार महीनाें से किसी भी हाॅस्पिटल में नहीं लगाई गई। ये ऑफिस आकर हाजिरी लगाते हैं। पूछते हैं, सरकार ने कोई रिलीव या नियुक्ति का अदेश दिया है। उत्तर मिलता है-नहीं। घर लौट जाते हैं। इन डॉक्टर्स जैसी ही स्थिति 46 नर्सिंगकर्मियों की है जां सरप्लस घोषित होने के बाद सीएमएचओ कार्यालय में मुख्यालय मानते हुए हाजिरी लगा रहे हैं।
अब इनमें चार-पांच को कंट्रोल रूम सहित अन्य जगह अनौपचारिक नियुक्ति दी गई है। तनख्वाह इन्हें भी नहीं मिल रही है। सीएमएचओ डाॅ.बी.एल.मीणा कहते हैं, सरप्लस डॉक्टर-नर्सेज के विकल्प पत्र भरवा लिए गए थे। सरकार जो भी आदेश देगी उसी अनुरूप नियुक्ति हो जाएगी। इनका वेतन कहां से उठना है, इस बारे में सरकार ने अभी आदेश नहीं दिया है। एक पत्र भी लिखा है।
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30 October 2025 02:43 PM
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