21 October 2022 11:29 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
इस बार दीप पर्व का पहला दिन यानी कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनने वाली धनतेरस दो दिन 22 और 23 अक्टूबर को मनेगी। शुभ संयोग यह भी है कि खरीदी के लिए दोनों दिन शुभ हैं। हिन्दू पंचांग के मुताबिक, धनतेरस का महत्व यम के निमित्त दीपदान का है। यह शाम को प्रदोषकाल में होता है। तेरस प्रदोषकाल में 22 की शाम को रहेगी। इसलिए दीपदान 22 को ही होगा। हालांकि धन्वंतरि पूजन 23 को किया जा सकेगा।
खास बात यह भी है कि पंच दिनी दीपावली पर्व इस बार 6 दिन का है। 25 को सूर्यग्रहण के कारण कोई पर्व नहीं मनेगा। तेरस 22 अक्टूबर की दोपहर 3.03 बजे से 23 की शाम 5.20 बजे तक रहेगी। फिर चतुर्दशी शुरू होगी। भगवान धन्वंतरि का जन्म मध्यान्ह में हुआ था, इसलिए धन्वंतरि पूजन 23 को होगा। धनतेरस पर दोनों दिन सोना, चांदी, वाहन, जमीन समेत अन्य खरीदी की जा सकती है।
भगवान के जन्म के समय के ग्रहों की स्थिति
धनतेरस पर धन के कारक गुरु और स्थायित्व के कारक शनि स्वयं की राशि क्रमश: मीन व मकर में गोचर हो रहे हैं। इससे पहले यह संयोग 178 साल पहले की धनतेरस यानी 8 नवंबर 1844 को बना था। यह भगवान के जन्म के समय के ग्रहों की स्थिति है।
खरीददारी के लिए शुभ मुहुर्त 22 अक्टूबर
शुभ: सुबह 7.50 से 9.15 और रात 8.55 से 10.30 बजे तक।
चर: दोपहर 12.05 से 1.30 तक।
लाभ: दोपहर 1.31 से 2.55 और शाम 5.45 से 7.20 बजे तक।
अमृत: दोपहर 2.55 से शाम 4.20 और रात 10.31 से 12.05 बजे तक।
23 अक्टूबर
चर: सुबह 7.51 से 9.15 और रात 8.54 से 10.30 बजे तक। लाभ: सुबह 9.15 से 10.40 लाभ। अमृत: सुबह 10.40 से दोपहर 12.05 और शाम 7.20 से रात 8.54 बजे तक। शुभ: दोपहर 1.30 से 2.55 और शाम 5.44 से 7.20 तक।
(चौघड़िये के अनुसार)
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
इस बार दीप पर्व का पहला दिन यानी कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनने वाली धनतेरस दो दिन 22 और 23 अक्टूबर को मनेगी। शुभ संयोग यह भी है कि खरीदी के लिए दोनों दिन शुभ हैं। हिन्दू पंचांग के मुताबिक, धनतेरस का महत्व यम के निमित्त दीपदान का है। यह शाम को प्रदोषकाल में होता है। तेरस प्रदोषकाल में 22 की शाम को रहेगी। इसलिए दीपदान 22 को ही होगा। हालांकि धन्वंतरि पूजन 23 को किया जा सकेगा।
खास बात यह भी है कि पंच दिनी दीपावली पर्व इस बार 6 दिन का है। 25 को सूर्यग्रहण के कारण कोई पर्व नहीं मनेगा। तेरस 22 अक्टूबर की दोपहर 3.03 बजे से 23 की शाम 5.20 बजे तक रहेगी। फिर चतुर्दशी शुरू होगी। भगवान धन्वंतरि का जन्म मध्यान्ह में हुआ था, इसलिए धन्वंतरि पूजन 23 को होगा। धनतेरस पर दोनों दिन सोना, चांदी, वाहन, जमीन समेत अन्य खरीदी की जा सकती है।
भगवान के जन्म के समय के ग्रहों की स्थिति
धनतेरस पर धन के कारक गुरु और स्थायित्व के कारक शनि स्वयं की राशि क्रमश: मीन व मकर में गोचर हो रहे हैं। इससे पहले यह संयोग 178 साल पहले की धनतेरस यानी 8 नवंबर 1844 को बना था। यह भगवान के जन्म के समय के ग्रहों की स्थिति है।
खरीददारी के लिए शुभ मुहुर्त 22 अक्टूबर
शुभ: सुबह 7.50 से 9.15 और रात 8.55 से 10.30 बजे तक।
चर: दोपहर 12.05 से 1.30 तक।
लाभ: दोपहर 1.31 से 2.55 और शाम 5.45 से 7.20 बजे तक।
अमृत: दोपहर 2.55 से शाम 4.20 और रात 10.31 से 12.05 बजे तक।
23 अक्टूबर
चर: सुबह 7.51 से 9.15 और रात 8.54 से 10.30 बजे तक। लाभ: सुबह 9.15 से 10.40 लाभ। अमृत: सुबह 10.40 से दोपहर 12.05 और शाम 7.20 से रात 8.54 बजे तक। शुभ: दोपहर 1.30 से 2.55 और शाम 5.44 से 7.20 तक।
(चौघड़िये के अनुसार)
RELATED ARTICLES
09 March 2022 01:42 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com