28 June 2021 09:51 AM
वैक्सीन लगवा चुके लोगों में भी फैल रहा तेजी से कोरोना के जानलेवा डेल्टा वेरिएंट की अब तक करीब 85 देशों में पहचान की जा चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रस अधनोम ने इसे अब तक का सबसे ज्यादा संक्रामक वेरिएंट बताया है, जो वैक्सीनेट हो चुके लोगों को भी बड़ी तेजी से अपना शिकार बना रहा है. WHO प्रमुख ने इस वेरिएंट को लेकर चिंता जाहिर की है. शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान WHO के डायरेक्टर जनरल ने कहा, ‘मुझे पता है कि पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना के डेल्ट वेरिएंट को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित है. कोरोना के इस नए वेरिएंट ने WHO की भी चिंता बढ़ा रखी है.’ल्टा एक बेहद संक्रामक वेरिएंट है जो कि तकरीबन 85 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है. इतना ही नहीं, ये वेरिएंट वैक्सीनेट लोगों को भी तेजी से संक्रमित कर रहा है.’ WHO ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम जब भी पब्लिक हेल्थ और सोशल डिस्टेंसिंग के मामलों में ढील देते हैं, कोरोना संक्रमण के मामले पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ने लगते हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ने से हॉस्पिटलाइजेशन के मामले बढ़ने लगते हैं. हेल्थ सिस्टम और हेल्थ वर्कर्स पर दबाव ज्यादा पड़ने लगता है. ये सभी कारण किसी देश में कोरोना से हो रही मौतों को बढ़ावा देने के लिए काफी हैं. नए कोरोना वेरिएंट्स की संभावनाएं ज्यादा हैं और इन्हें लगातार रिपोर्ट भी किया जा रहा है. जैसा कि वायरस के साथ होता भी है. ये अपने आप विकसित होते रहते हैं. लेकिन हम चाहें तो इसके ट्रांसमिशन पर ब्रेक लगाकर वेरिएंट के विकसित होने की प्रक्रिया को रोक सकते हैं. WHO में कोविड टेक्निकल लीड डॉ. मारिया वैन करखोव ने भी इसे लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि डेल्टा कोरोना का एक बेहद खतरनाक वेरिएंट है और ये अल्फा वेरिएंट से भी ज्यादा संक्रामक है, जो यूरोप समेत दुनिया के कई देशों में फैला था. उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट इससे कहीं ज्यादा संक्रामक है और दुनियाभर में इसके मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. डेल्टा वेरिएंट के लक्षण- डॉक्टर्स का कहना है कि डेल्टा स्ट्रेन से संक्रमित कोरोना के मरीजों में सुनने की क्षमता का कमजोर होना, पेट की गड़बड़ी, ब्लड क्लॉट, गैंग्रीन जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. अब तक ये लक्षण आमतौर पर कोरोना के मरीजों में नहीं देखे जा रहे थे. इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि कोरोना के इस स्ट्रेन में अस्पताल में भर्ती होने का खतरा ज्यादा है. डेल्टा स्ट्रेन जिसे B.1.617.2 भी कहा जाता है. अन्य वेरिएंट्स की तुलना में डेल्टा का तेजी से फैलना बताता है कि कोरोना का ये स्ट्रेन वैक्सीनेट हो चुके लोगों के लिए भी कितना खतरनाक है. भारत सरकार पैनल की हालिया स्टडी के अनुसार, भारत में कोरोना की दूसरी जानलेवा लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट ही जिम्मेदार है. ये UK में पाए गए अल्फा स्ट्रेन से 50 फीसद ज्यादा संक्रामक है. कोरोना के कई मरीजों में तरह-तरह की जटिलताएं देखी जा रही हैं. मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में कान, नाक और गले की सर्जन हेतल मारफतिया का कहना है कि कोरोना के कुछ मरीज बहरेपन, गर्दन के आसपास सूजन और गंभीर टॉन्सिलिटिस की शिकायत लेकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हर व्यक्ति में इस वेरिएंट के अलग-अलग लक्षण देखे जा रहे हैं.’ TAGSCORONA DELTA VARIANT WORLD HEALTH ORGANIZATION WHO CHIEF कोरोना डेल्टा वेरिएंट विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO प्रमुख
वैक्सीन लगवा चुके लोगों में भी फैल रहा तेजी से कोरोना के जानलेवा डेल्टा वेरिएंट की अब तक करीब 85 देशों में पहचान की जा चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रस अधनोम ने इसे अब तक का सबसे ज्यादा संक्रामक वेरिएंट बताया है, जो वैक्सीनेट हो चुके लोगों को भी बड़ी तेजी से अपना शिकार बना रहा है. WHO प्रमुख ने इस वेरिएंट को लेकर चिंता जाहिर की है. शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान WHO के डायरेक्टर जनरल ने कहा, ‘मुझे पता है कि पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना के डेल्ट वेरिएंट को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित है. कोरोना के इस नए वेरिएंट ने WHO की भी चिंता बढ़ा रखी है.’ल्टा एक बेहद संक्रामक वेरिएंट है जो कि तकरीबन 85 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है. इतना ही नहीं, ये वेरिएंट वैक्सीनेट लोगों को भी तेजी से संक्रमित कर रहा है.’ WHO ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम जब भी पब्लिक हेल्थ और सोशल डिस्टेंसिंग के मामलों में ढील देते हैं, कोरोना संक्रमण के मामले पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ने लगते हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ने से हॉस्पिटलाइजेशन के मामले बढ़ने लगते हैं. हेल्थ सिस्टम और हेल्थ वर्कर्स पर दबाव ज्यादा पड़ने लगता है. ये सभी कारण किसी देश में कोरोना से हो रही मौतों को बढ़ावा देने के लिए काफी हैं. नए कोरोना वेरिएंट्स की संभावनाएं ज्यादा हैं और इन्हें लगातार रिपोर्ट भी किया जा रहा है. जैसा कि वायरस के साथ होता भी है. ये अपने आप विकसित होते रहते हैं. लेकिन हम चाहें तो इसके ट्रांसमिशन पर ब्रेक लगाकर वेरिएंट के विकसित होने की प्रक्रिया को रोक सकते हैं. WHO में कोविड टेक्निकल लीड डॉ. मारिया वैन करखोव ने भी इसे लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि डेल्टा कोरोना का एक बेहद खतरनाक वेरिएंट है और ये अल्फा वेरिएंट से भी ज्यादा संक्रामक है, जो यूरोप समेत दुनिया के कई देशों में फैला था. उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट इससे कहीं ज्यादा संक्रामक है और दुनियाभर में इसके मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. डेल्टा वेरिएंट के लक्षण- डॉक्टर्स का कहना है कि डेल्टा स्ट्रेन से संक्रमित कोरोना के मरीजों में सुनने की क्षमता का कमजोर होना, पेट की गड़बड़ी, ब्लड क्लॉट, गैंग्रीन जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. अब तक ये लक्षण आमतौर पर कोरोना के मरीजों में नहीं देखे जा रहे थे. इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि कोरोना के इस स्ट्रेन में अस्पताल में भर्ती होने का खतरा ज्यादा है. डेल्टा स्ट्रेन जिसे B.1.617.2 भी कहा जाता है. अन्य वेरिएंट्स की तुलना में डेल्टा का तेजी से फैलना बताता है कि कोरोना का ये स्ट्रेन वैक्सीनेट हो चुके लोगों के लिए भी कितना खतरनाक है. भारत सरकार पैनल की हालिया स्टडी के अनुसार, भारत में कोरोना की दूसरी जानलेवा लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट ही जिम्मेदार है. ये UK में पाए गए अल्फा स्ट्रेन से 50 फीसद ज्यादा संक्रामक है. कोरोना के कई मरीजों में तरह-तरह की जटिलताएं देखी जा रही हैं. मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में कान, नाक और गले की सर्जन हेतल मारफतिया का कहना है कि कोरोना के कुछ मरीज बहरेपन, गर्दन के आसपास सूजन और गंभीर टॉन्सिलिटिस की शिकायत लेकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हर व्यक्ति में इस वेरिएंट के अलग-अलग लक्षण देखे जा रहे हैं.’ TAGSCORONA DELTA VARIANT WORLD HEALTH ORGANIZATION WHO CHIEF कोरोना डेल्टा वेरिएंट विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO प्रमुख
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