12 June 2022 06:01 PM

जोग संजोग टाइम्स,
जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिए और अधिक रुचिकर तथा उपयोगी बनाने के उद्देश्य से इन्हें 'मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र' के रूप में विकसित किया जा रहा है।
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर पहले चरण में जिले की नौ पंचायत समितियों के दो-दो केंद्रों सहित कुल 18 केंद्रों का चयन मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में किया गया है। इनमें से 15 केंद्रों पर कार्य प्रगति पर है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि मॉडल केंद्रों में सबसे पहले आवश्यकता के अनुरूप मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है। इसके पश्चात आकर्षक वॉल पेंटिंग के माध्यम से गिनती, वर्णमाला, पशु-पक्षियों, कार्टून्स और मापतौल के चित्रों का अंकन करवाया गया है, जिससे बच्चे खेल-खेल में नई जानकारी हासिल कर सकें। इन केंद्रों पर स्वच्छ पेयजल, साफ-सुथरे शौचालय और सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करवाई जाएगी, जिससे यह बच्चों के लिए जिज्ञासा का केंद्र बने। साथ ही भामाशाहों के सहयोग से एलईडी टीवी उपलब्ध करवाकर ज्ञानवर्धक कहानियों और कविताओं के माध्यम से अध्ययन और मनोरंजन करवाया जाएगा। इसी प्रकार आंगनबाड़ी पाठशाला में बच्चों के लिए बैठने के लिए आवश्यकता अनुसार फर्नीचर उपलब्ध करवाए जाएंगे। यहां न्यूट्रीशन कॉर्नर बनाए जाएंगे तथा जिससे बच्चे, किशोरियां और महिलाएं बेहतर पोषण के प्रति जागरूक हो सकें। इन केंद्रों में किचन गार्डन भी विकसित किए जाएंगे।
*पहले चरण में दिखे उत्साहजनक परिणाम*
जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रथम चरण में जिले में विकसित हो रहे मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों के उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले हैं। इन केंद्रों में बच्चों का अधिक भावनात्मक जुड़ाव हुआ है। इस देखते हुए शेष केंद्रों पर भी इस तरह की सुविधाओं का विकास किया जाएगा। जिला कलेक्टर ने इसके लिए जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. और सभी विकास अधिकारियों को प्राथमिकता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
जोग संजोग टाइम्स,
जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिए और अधिक रुचिकर तथा उपयोगी बनाने के उद्देश्य से इन्हें 'मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र' के रूप में विकसित किया जा रहा है।
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर पहले चरण में जिले की नौ पंचायत समितियों के दो-दो केंद्रों सहित कुल 18 केंद्रों का चयन मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में किया गया है। इनमें से 15 केंद्रों पर कार्य प्रगति पर है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि मॉडल केंद्रों में सबसे पहले आवश्यकता के अनुरूप मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है। इसके पश्चात आकर्षक वॉल पेंटिंग के माध्यम से गिनती, वर्णमाला, पशु-पक्षियों, कार्टून्स और मापतौल के चित्रों का अंकन करवाया गया है, जिससे बच्चे खेल-खेल में नई जानकारी हासिल कर सकें। इन केंद्रों पर स्वच्छ पेयजल, साफ-सुथरे शौचालय और सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करवाई जाएगी, जिससे यह बच्चों के लिए जिज्ञासा का केंद्र बने। साथ ही भामाशाहों के सहयोग से एलईडी टीवी उपलब्ध करवाकर ज्ञानवर्धक कहानियों और कविताओं के माध्यम से अध्ययन और मनोरंजन करवाया जाएगा। इसी प्रकार आंगनबाड़ी पाठशाला में बच्चों के लिए बैठने के लिए आवश्यकता अनुसार फर्नीचर उपलब्ध करवाए जाएंगे। यहां न्यूट्रीशन कॉर्नर बनाए जाएंगे तथा जिससे बच्चे, किशोरियां और महिलाएं बेहतर पोषण के प्रति जागरूक हो सकें। इन केंद्रों में किचन गार्डन भी विकसित किए जाएंगे।
पहले चरण में दिखे उत्साहजनक परिणाम
जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रथम चरण में जिले में विकसित हो रहे मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों के उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले हैं। इन केंद्रों में बच्चों का अधिक भावनात्मक जुड़ाव हुआ है। इस देखते हुए शेष केंद्रों पर भी इस तरह की सुविधाओं का विकास किया जाएगा। जिला कलेक्टर ने इसके लिए जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. और सभी विकास अधिकारियों को प्राथमिकता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
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