13 March 2023 11:39 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
पंजाब सरकार ने इस बार नहरबंदी 60 से बढ़ाकर 65 दिन कर दी और 1800 क्यूसेक पानी भी कम कर दिया, इससे प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है। राजस्थान सरकार नहरबंदी पुराने शेड्यूल के अनुसार करने और पानी बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार से बात करेगी। पहले 12500 क्यूसेक पानी मिलता था जिसे घटाकर 10700 क्यूसेक कर दिया है। नहर और पीएचईडी विभाग ने पूर्व शेड्यूल के मुताबिक तैयारियां की थी, लेकिन नहरबंदी बढ़ने और पानी कम होने से दुबारा प्लानिंग की जाएगी।
बीकानेर के संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने मुख्य सचिव उषा शर्मा को इस संबंध में जानकारी दी है। मुख्य सचिव सोमवार को सायं 5 बजे नहरबंदी के हालातों पर बीकानेर-जोधपुर के संभागीय आयुक्त और 10 जिलों के कलेक्टर-एसपी सहित नहर और पीएचईडी विभाग के अधिकारियों की वीसी लेंगी। उससे पहले बीकानेर डीसी पवन सुबह 11 बजे बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और चूरू जिलों के कलेक्टर-एसपी, नहर और पीएचईडी के अधिकारियों की वीसी लेंगे।
पेयजल और सिंचाई का पानी भी मिलता है नहर से
इंदिरा गांधी नहर 10 जिलों की लाइफलाइन है। इन सभी जिलों को पेयजल नहर से मिलता है। इसमें से पांच जिलों को सिंचाई का पानी भी नहर से ही मिलता है। नहर से बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, जोधपुर, नागौर, झुंझुनूं, बाड़मेर, सीकर व जैसलमेर जिलों के लोगों की प्यास बुझती है। इनमें से 6 जिलों बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, जोधपुर और जैसलमेर के 16.17 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए भी पानी मिलता है।
अब 26 मार्च से 65 दिन की नहरबंदी है जो 29 अप्रैल तक आंशिक और उसके बाद 29 मई तक पूर्ण रूप से लागू की जाएगी। सरकार को इससे अवगत कराया गया है। आमजन को नहरबंदी में परेशानी ना हो, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। - नीरज के. पवन, संभागीय आयुक्त
हरिके बैराज से 1800 क्यूसेक पानी कम हुआ है। अभी किसानों को सिंचाई का पानी कम चाहिए। इसलिए जिलों में सिंचाई के पानी में कमी की जा रही है। उम्मीद है कि रोजाना मिल रहा पानी 300 से 400 क्यूसेक पानी बढ़ जाएगा। - प्रदीप रुस्तगी, एड. चीफ (रेगुलेशन)
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
पंजाब सरकार ने इस बार नहरबंदी 60 से बढ़ाकर 65 दिन कर दी और 1800 क्यूसेक पानी भी कम कर दिया, इससे प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है। राजस्थान सरकार नहरबंदी पुराने शेड्यूल के अनुसार करने और पानी बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार से बात करेगी। पहले 12500 क्यूसेक पानी मिलता था जिसे घटाकर 10700 क्यूसेक कर दिया है। नहर और पीएचईडी विभाग ने पूर्व शेड्यूल के मुताबिक तैयारियां की थी, लेकिन नहरबंदी बढ़ने और पानी कम होने से दुबारा प्लानिंग की जाएगी।
बीकानेर के संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने मुख्य सचिव उषा शर्मा को इस संबंध में जानकारी दी है। मुख्य सचिव सोमवार को सायं 5 बजे नहरबंदी के हालातों पर बीकानेर-जोधपुर के संभागीय आयुक्त और 10 जिलों के कलेक्टर-एसपी सहित नहर और पीएचईडी विभाग के अधिकारियों की वीसी लेंगी। उससे पहले बीकानेर डीसी पवन सुबह 11 बजे बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और चूरू जिलों के कलेक्टर-एसपी, नहर और पीएचईडी के अधिकारियों की वीसी लेंगे।
पेयजल और सिंचाई का पानी भी मिलता है नहर से
इंदिरा गांधी नहर 10 जिलों की लाइफलाइन है। इन सभी जिलों को पेयजल नहर से मिलता है। इसमें से पांच जिलों को सिंचाई का पानी भी नहर से ही मिलता है। नहर से बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, जोधपुर, नागौर, झुंझुनूं, बाड़मेर, सीकर व जैसलमेर जिलों के लोगों की प्यास बुझती है। इनमें से 6 जिलों बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, जोधपुर और जैसलमेर के 16.17 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए भी पानी मिलता है।
अब 26 मार्च से 65 दिन की नहरबंदी है जो 29 अप्रैल तक आंशिक और उसके बाद 29 मई तक पूर्ण रूप से लागू की जाएगी। सरकार को इससे अवगत कराया गया है। आमजन को नहरबंदी में परेशानी ना हो, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। - नीरज के. पवन, संभागीय आयुक्त
हरिके बैराज से 1800 क्यूसेक पानी कम हुआ है। अभी किसानों को सिंचाई का पानी कम चाहिए। इसलिए जिलों में सिंचाई के पानी में कमी की जा रही है। उम्मीद है कि रोजाना मिल रहा पानी 300 से 400 क्यूसेक पानी बढ़ जाएगा। - प्रदीप रुस्तगी, एड. चीफ (रेगुलेशन)
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