24 January 2022 01:03 PM
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर, इलेक्ट्रॉनिक साधनों से किसी पर निगरानी रखने,ऑनलाइन लालच देकर अपने जाल में फंसाने,इंटरनेट या मोबाइल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके घटिया व तकलीफदेह संदेश या ईमेल भेजने से हो रही परेशानी,ऑनलाइन गेमिंग व शॉपिंग के माध्यम से होने वाले आर्थिक नुकसान के दुष्परिणामों को समझाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग अब विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा का पाठ पढ़ाएगा। राजस्थान के प्रत्येक स्कूल से एक शिक्षक को ट्रेनिंग देकर साइबर क्राइम एक्सपर्ट बनाया जा रहा है, जो स्कूलों में बच्चों को साइबर स्पेस में अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करेगा। कक्षा छठी से 12वीं तक के विद्यार्थियों को इंटरनेट के जरिए होने वाले साइबर क्राइम से सुरक्षा के तरीके सिखाए जाएंगे। बच्चों को स्मार्टफोन उपयोग में लेने से पहले सर्वप्रथम अपने आपको ‘स्मार्टÓ बनाने के लिए यूनिसेफ, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और साइबर पीस फाउंडेशन के मार्गदर्शन में समग्र शिक्षा विभाग की यह वर्तमान में अनूठी पहल है।
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बीकानेर, इलेक्ट्रॉनिक साधनों से किसी पर निगरानी रखने,ऑनलाइन लालच देकर अपने जाल में फंसाने,इंटरनेट या मोबाइल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके घटिया व तकलीफदेह संदेश या ईमेल भेजने से हो रही परेशानी,ऑनलाइन गेमिंग व शॉपिंग के माध्यम से होने वाले आर्थिक नुकसान के दुष्परिणामों को समझाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग अब विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा का पाठ पढ़ाएगा। राजस्थान के प्रत्येक स्कूल से एक शिक्षक को ट्रेनिंग देकर साइबर क्राइम एक्सपर्ट बनाया जा रहा है, जो स्कूलों में बच्चों को साइबर स्पेस में अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करेगा। कक्षा छठी से 12वीं तक के विद्यार्थियों को इंटरनेट के जरिए होने वाले साइबर क्राइम से सुरक्षा के तरीके सिखाए जाएंगे। बच्चों को स्मार्टफोन उपयोग में लेने से पहले सर्वप्रथम अपने आपको ‘स्मार्टÓ बनाने के लिए यूनिसेफ, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और साइबर पीस फाउंडेशन के मार्गदर्शन में समग्र शिक्षा विभाग की यह वर्तमान में अनूठी पहल है।
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