07 November 2021 09:27 AM
उदयपुर:- प्रदेश में धरियावद और वल्लभनगर उपचुनावों में कांग्रस (Congress) ने अच्छा प्रदर्शन किया, दोनों सीटों पर जनता ने दिल खोलकर कांग्रेस को वोट किया, और कांग्रेस नेताओं की तरफ से इस जीत को दीवाली (Diwali) का तोहफा और कांग्रेस सरकार के कामों पर जनता का भरोसा बताया गया.
हालांकि ये भी सच है कि जिस तरह से बीजेपी (BJP) में अंदर फूट दिख रही थी, और प्रचार व टिकट वितरण में खामियां दिखीं, उसका भी असर कांग्रेस की जीत में एक फैक्टर साबित हुआ, लेकिन इन दोनों विधानसभी सीटों पर बारिकी से विश्लेषण करेंगें तो पाएंगे, कि कांग्रेस भले ही यहां आसानी से चुनाव जीत गई, लेकिन 2023 के मुख्य विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में कांग्रेस की राह इस क्षेत्र में आसान नहीं होने वाली वाली है
मेवाड़ (Mewar) की राजनीति में इस बार कांग्रेस और बीजेपी, इन दोनों पार्टियों के अलावा दो और पार्टियां उभरी हैं, जो आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी के लिए चुनौती साबित होने वाली हैं. इनमें से एक भारतीय ट्राइबल पार्टी (Bhartiya tribal party) यानि बीटीपी (BTP), और दूसरी नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) की पार्टी यानि आरएलपी (RLP) है.
आदिवासी बाहुल क्षेत्र होने के नाते पहले से ही मेवाड़ क्षेत्र में बीटीपी की धमक बढ़ती जा रही है, जो कांग्रेस के लिए अपने आप में चुनौती है. वहीं, एनडीए (NDA) से अलग होने वाली आरएलपी सीधे-सीधे बीजेपी के वोटों में सेंधमारी कर रही है, इसका ताजा उदाहरण वल्ल्भनगर (Vallabhnagar) के उपचुनावों में साफ दिख भी गया ,जब बीजेपी से बागी उदयलाल डांगी (Udayalal Dangi) को आरएलपी ने अपने सिंबल से चुनावी मैदान में उतारा, और बीजेपी को यहां चौथे नंबर पर धकेल दिया, बीजेपी यहां अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई.
2018 में बागड़ में बीटीपी की वजह से कांग्रेस को पहले भी नुकसान झेलना पड़ा था, और आने वाले चुनावों (Upcoming Election) में एक बार फिर ऐसा ही नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है, बीटीपी की वजह से बांसवाड़ा-डूंगरपुर में कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ था.
अब बीटीपी बागड़ के साथ पूरे मेवाड़ पर फोकस कर रही है, 2018 के विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly Election) में बीटीपी ने कांग्रेस के बागउ में कांग्रेस को भारी नुकासन पहुंचाया था, खुद बीटीपी ने यहां से दो सीटें जीती थीं. वहीं, कांग्रेस के साथ साथ बीटीपी- बीजेपी को भी नुकासन पहुंचा रही है, अगले चुनाव में बीटीपी, कांग्रेस और बीजेपी दोनो का खेल बिगाड़ सकती है. वहीं, पिछले दिनों असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी AIMIM भी राजस्थान में किस्मत आजमाने का ऐलान कर चुकी है. अगर बीटीपी के साथ मिलकर कोई समीकरण बनाती है, तो भी कांग्रेस-बीजेपी के लिए नुकासान का सौदा हो सकता है.
उदयपुर:- प्रदेश में धरियावद और वल्लभनगर उपचुनावों में कांग्रस (Congress) ने अच्छा प्रदर्शन किया, दोनों सीटों पर जनता ने दिल खोलकर कांग्रेस को वोट किया, और कांग्रेस नेताओं की तरफ से इस जीत को दीवाली (Diwali) का तोहफा और कांग्रेस सरकार के कामों पर जनता का भरोसा बताया गया.
हालांकि ये भी सच है कि जिस तरह से बीजेपी (BJP) में अंदर फूट दिख रही थी, और प्रचार व टिकट वितरण में खामियां दिखीं, उसका भी असर कांग्रेस की जीत में एक फैक्टर साबित हुआ, लेकिन इन दोनों विधानसभी सीटों पर बारिकी से विश्लेषण करेंगें तो पाएंगे, कि कांग्रेस भले ही यहां आसानी से चुनाव जीत गई, लेकिन 2023 के मुख्य विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में कांग्रेस की राह इस क्षेत्र में आसान नहीं होने वाली वाली है
मेवाड़ (Mewar) की राजनीति में इस बार कांग्रेस और बीजेपी, इन दोनों पार्टियों के अलावा दो और पार्टियां उभरी हैं, जो आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी के लिए चुनौती साबित होने वाली हैं. इनमें से एक भारतीय ट्राइबल पार्टी (Bhartiya tribal party) यानि बीटीपी (BTP), और दूसरी नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) की पार्टी यानि आरएलपी (RLP) है.
आदिवासी बाहुल क्षेत्र होने के नाते पहले से ही मेवाड़ क्षेत्र में बीटीपी की धमक बढ़ती जा रही है, जो कांग्रेस के लिए अपने आप में चुनौती है. वहीं, एनडीए (NDA) से अलग होने वाली आरएलपी सीधे-सीधे बीजेपी के वोटों में सेंधमारी कर रही है, इसका ताजा उदाहरण वल्ल्भनगर (Vallabhnagar) के उपचुनावों में साफ दिख भी गया ,जब बीजेपी से बागी उदयलाल डांगी (Udayalal Dangi) को आरएलपी ने अपने सिंबल से चुनावी मैदान में उतारा, और बीजेपी को यहां चौथे नंबर पर धकेल दिया, बीजेपी यहां अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई.
2018 में बागड़ में बीटीपी की वजह से कांग्रेस को पहले भी नुकसान झेलना पड़ा था, और आने वाले चुनावों (Upcoming Election) में एक बार फिर ऐसा ही नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है, बीटीपी की वजह से बांसवाड़ा-डूंगरपुर में कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ था.
अब बीटीपी बागड़ के साथ पूरे मेवाड़ पर फोकस कर रही है, 2018 के विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly Election) में बीटीपी ने कांग्रेस के बागउ में कांग्रेस को भारी नुकासन पहुंचाया था, खुद बीटीपी ने यहां से दो सीटें जीती थीं. वहीं, कांग्रेस के साथ साथ बीटीपी- बीजेपी को भी नुकासन पहुंचा रही है, अगले चुनाव में बीटीपी, कांग्रेस और बीजेपी दोनो का खेल बिगाड़ सकती है. वहीं, पिछले दिनों असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी AIMIM भी राजस्थान में किस्मत आजमाने का ऐलान कर चुकी है. अगर बीटीपी के साथ मिलकर कोई समीकरण बनाती है, तो भी कांग्रेस-बीजेपी के लिए नुकासान का सौदा हो सकता है.
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