26 September 2021 07:37 PM

राजस्थान में कोरोना संक्रमण का असर कम होने के साथ ही अब प्राइमरी स्कूल सोमवार से शुरू होने जा रहे हैं। सरकार के आदेश पर पहली से 5वीं तक के बच्चे लंबे अंतराल के बाद फिर से स्कूल में बैठकर पढ़ सकेंगे। बच्चों को उनके रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन फॉर्मूले के आधार पर बुलाया जाएगा।
फिलहाल 40% स्टूडेंट्स को ही हर दिन क्लास में बुलाया जाएगा। हर दिन अलग बैच के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। फिलहाल छात्रों का स्कूल आना अनिवार्य नहीं किया गया है। ऐसे में छात्र घर बैठकर भी ऑनलाइन शिक्षा ले सकेंगे। वहीं, जो छात्र स्कूल आ रहे हैं, वह बिना यूनिफार्म में आ सकेंगे।
घर से ही लाना होगा भोजन-पानी
स्कूलों में फ़िलहाल कोरोना के मद्देनजर कैंटीन और कैफेटेरिया को बंद रखा गया है। इस दौरान जयपुर के स्कूलों में छात्रों से ही पानी की बोतल और भोजन लाने की अपील की गई है। ताकि बेवजह छात्र क्लास रूम से बाहर न निकलें। बच्चों के लंच टाइम भी अलग-अलग कर दिए गए हैं। इसमें क्लास टीचर भी बच्चों के साथ क्लास रूम में बैठकर ही लंच लेंगे।
स्कूल स्टाफ को लग चुकी है वैक्सीन की दोनों डोज
संस्कार स्कूल की प्रिंसिपल नीलम भारद्वाज ने बताया कि पहली बार बच्चों के साथ टीचर भी स्कूल खुलने से काफी उत्साहित हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल स्टाफ को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। वहीं हर क्लास रूम में अत्याधुनिक मशीनों से वायरस को नष्ट करने की प्रक्रिया भी लगातार जारी है। बच्चों के स्कूल में प्रवेश से लेकर उनके क्लास में पहुंचने तक मार्किंग भी की गई है। शिक्षक तैनात रहकर बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग की पाठ पढ़ाएंगे।
बसें अभी नहीं चलेंगी, पैरेंट्स को स्कूल छोड़ने जाना पड़ेगा
टैगोर पब्लिक स्कूल की CEO डॉक्टर रुचिरा राठौड़ ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप दो पारी में स्कूल खोलने की तैयारी है। इसके तहत सभी स्टाफ को वैक्सीन की पहली डोज भी लग चुकी है। स्कूल में भी बच्चों को कोरोना एप्रोप्रियेट बिहेवियर सिखाया जाएगा, ताकि भविष्य में बच्चे संक्रमण के खतरे से बच सकें। फिलहाल बच्चों के लिए ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी शुरू नहीं की गई है। पैरेंट्स को ही बच्चों को स्कूल छोड़ने जाना पड़ेगा।
राजस्थान में कोरोना संक्रमण का असर कम होने के साथ ही अब प्राइमरी स्कूल सोमवार से शुरू होने जा रहे हैं। सरकार के आदेश पर पहली से 5वीं तक के बच्चे लंबे अंतराल के बाद फिर से स्कूल में बैठकर पढ़ सकेंगे। बच्चों को उनके रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन फॉर्मूले के आधार पर बुलाया जाएगा।
फिलहाल 40% स्टूडेंट्स को ही हर दिन क्लास में बुलाया जाएगा। हर दिन अलग बैच के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। फिलहाल छात्रों का स्कूल आना अनिवार्य नहीं किया गया है। ऐसे में छात्र घर बैठकर भी ऑनलाइन शिक्षा ले सकेंगे। वहीं, जो छात्र स्कूल आ रहे हैं, वह बिना यूनिफार्म में आ सकेंगे।
घर से ही लाना होगा भोजन-पानी
स्कूलों में फ़िलहाल कोरोना के मद्देनजर कैंटीन और कैफेटेरिया को बंद रखा गया है। इस दौरान जयपुर के स्कूलों में छात्रों से ही पानी की बोतल और भोजन लाने की अपील की गई है। ताकि बेवजह छात्र क्लास रूम से बाहर न निकलें। बच्चों के लंच टाइम भी अलग-अलग कर दिए गए हैं। इसमें क्लास टीचर भी बच्चों के साथ क्लास रूम में बैठकर ही लंच लेंगे।
स्कूल स्टाफ को लग चुकी है वैक्सीन की दोनों डोज
संस्कार स्कूल की प्रिंसिपल नीलम भारद्वाज ने बताया कि पहली बार बच्चों के साथ टीचर भी स्कूल खुलने से काफी उत्साहित हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल स्टाफ को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। वहीं हर क्लास रूम में अत्याधुनिक मशीनों से वायरस को नष्ट करने की प्रक्रिया भी लगातार जारी है। बच्चों के स्कूल में प्रवेश से लेकर उनके क्लास में पहुंचने तक मार्किंग भी की गई है। शिक्षक तैनात रहकर बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग की पाठ पढ़ाएंगे।
बसें अभी नहीं चलेंगी, पैरेंट्स को स्कूल छोड़ने जाना पड़ेगा
टैगोर पब्लिक स्कूल की CEO डॉक्टर रुचिरा राठौड़ ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप दो पारी में स्कूल खोलने की तैयारी है। इसके तहत सभी स्टाफ को वैक्सीन की पहली डोज भी लग चुकी है। स्कूल में भी बच्चों को कोरोना एप्रोप्रियेट बिहेवियर सिखाया जाएगा, ताकि भविष्य में बच्चे संक्रमण के खतरे से बच सकें। फिलहाल बच्चों के लिए ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी शुरू नहीं की गई है। पैरेंट्स को ही बच्चों को स्कूल छोड़ने जाना पड़ेगा।
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