11 November 2021 10:35 AM

संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल तमाम संगठनों की मीटिंग में घोषणा
नई दिल्ली । संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही हर दिन 500 किसान ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ संसद तक रैली निकालेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने यह फैसला लिया है कि 29 नवंबर से लेकर सत्र के अंत तक हर दिन 500 चयनित किसान ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ संसद तक रैली निकालेंगे। यह रैली पूरी तरह से अनुशासित और शांतिपूर्ण होगी।’
संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल तमाम संगठनों के नेताओं की मंगलवार को सिंघु बॉर्डर में मीटिंग हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया। इसके अलावा 26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने के मौके पर देश भर में राज्यों की सीमाओं पर और दिल्ली में प्रदर्शन किए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि इस मौके पर पंजाब, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली बॉर्डर की ओर कूच करेंगे।
किसान संगठनों के ऐलान से साफ है कि नवंबर के आखिरी सप्ताह और शीतकालीन सत्र के दौरान दिल्ली और आसपास के इलाकों में आंदोलन का असर देखने को मिल सकता है।
संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल तमाम संगठनों की मीटिंग में घोषणा
नई दिल्ली । संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही हर दिन 500 किसान ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ संसद तक रैली निकालेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने यह फैसला लिया है कि 29 नवंबर से लेकर सत्र के अंत तक हर दिन 500 चयनित किसान ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ संसद तक रैली निकालेंगे। यह रैली पूरी तरह से अनुशासित और शांतिपूर्ण होगी।’
संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल तमाम संगठनों के नेताओं की मंगलवार को सिंघु बॉर्डर में मीटिंग हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया। इसके अलावा 26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने के मौके पर देश भर में राज्यों की सीमाओं पर और दिल्ली में प्रदर्शन किए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि इस मौके पर पंजाब, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली बॉर्डर की ओर कूच करेंगे।
किसान संगठनों के ऐलान से साफ है कि नवंबर के आखिरी सप्ताह और शीतकालीन सत्र के दौरान दिल्ली और आसपास के इलाकों में आंदोलन का असर देखने को मिल सकता है।
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