22 September 2023 10:09 AM
जोग संजोग टाइम्स
बीकानेर। मेडिकल कॉलेज में तृतीय वर्ष की छात्रा ने हाथ की नस काटकर जान देने का प्रयास किया। दवाइयां भी खा लीं जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और अस्पताल में भर्ती कराया गया। झुंझुनूं निवासी सत्यनारायण रेगर की पुत्री सहारा रेगर मेडिकल कॉलेज में तृतीय वर्ष की छात्रा है और गर्ल्स हॉस्टल में रहती है। बुधवार की रात को उसने अपने हाथ की नस काटकर जान देने का प्रयास किया। उसने नशीली गोलियां भी खाईं। इससे उसकी हालत बिगड़ गई। हॉस्टल में अन्य छात्राओं को इसका पता चला तो देर रात को उसे पीबीएम अस्पताल में ले जाया गया जहां उसे भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।गुरुवार को सुबह पुलिस को पता चला तो अस्पताल पहुंची, लेकिन छात्रा के पूरी तरह होश में नहीं होने के कारण बयान नहीं हो सके। एसएचओ व्यास कॉलोनी लक्ष्मणसिंह राठौड़ ने बताया कि कुछ दिन पहले छात्रा के द्वितीय वर्ष के पेपर का परिणाम आया था जिससे वह खुश नहीं थी। रात को हॉस्टल के गलियारे में उसे घूमते देखा गया, लेकिन बाद में उसने जान देने का प्रयास किया। गनीमत रही थी हाथ की नस काटते समय घाव गहरा नहीं था। उसके होश में आने पर बयान लिए जाएंगे जिससे हकीकत का पता चलेगा। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी का कहना है कि छात्रा ने पैरासिटामोल, सेट्रिजीन की गोलियां खा ली थी और हाथ पर खरोंचे मारी थी। हॉस्टल वार्डन से रिपोर्ट मांगी है। छात्रा की हालत ठीक है।
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बीकानेर। मेडिकल कॉलेज में तृतीय वर्ष की छात्रा ने हाथ की नस काटकर जान देने का प्रयास किया। दवाइयां भी खा लीं जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और अस्पताल में भर्ती कराया गया। झुंझुनूं निवासी सत्यनारायण रेगर की पुत्री सहारा रेगर मेडिकल कॉलेज में तृतीय वर्ष की छात्रा है और गर्ल्स हॉस्टल में रहती है। बुधवार की रात को उसने अपने हाथ की नस काटकर जान देने का प्रयास किया। उसने नशीली गोलियां भी खाईं। इससे उसकी हालत बिगड़ गई। हॉस्टल में अन्य छात्राओं को इसका पता चला तो देर रात को उसे पीबीएम अस्पताल में ले जाया गया जहां उसे भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।गुरुवार को सुबह पुलिस को पता चला तो अस्पताल पहुंची, लेकिन छात्रा के पूरी तरह होश में नहीं होने के कारण बयान नहीं हो सके। एसएचओ व्यास कॉलोनी लक्ष्मणसिंह राठौड़ ने बताया कि कुछ दिन पहले छात्रा के द्वितीय वर्ष के पेपर का परिणाम आया था जिससे वह खुश नहीं थी। रात को हॉस्टल के गलियारे में उसे घूमते देखा गया, लेकिन बाद में उसने जान देने का प्रयास किया। गनीमत रही थी हाथ की नस काटते समय घाव गहरा नहीं था। उसके होश में आने पर बयान लिए जाएंगे जिससे हकीकत का पता चलेगा। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी का कहना है कि छात्रा ने पैरासिटामोल, सेट्रिजीन की गोलियां खा ली थी और हाथ पर खरोंचे मारी थी। हॉस्टल वार्डन से रिपोर्ट मांगी है। छात्रा की हालत ठीक है।
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