09 June 2022 02:57 PM
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर में हर रोज दो से तीन बाइक चोरी होती है। बड़े आराम से चोर बीच बाजार से, घरों के आगे से बाइक उठाते हैं और चल देते हैं। कुछ दिन इधर-उधर छिपाकर रखते हैं फिर बड़ी आसानी से दूर जाकर बेच देते हैं। चोरी की ये घटनाएं सीसीटीवी में कैद भी होती है लेकिन परिणाम वो ही ढाक के तीन पात है। कोई नसीब वाला ही होता है जिसे अपनी बाइक वापस मिल पाती है।
ताजा मामला बीकानेर के नयाशहर थाने से कुछ दूरी का है, जहां घर के आगे खड़ी बाइक एक युवक उठा ले गया। बाइक मालिक कमल सांखला नयाशहर थाने पहुंचे तो पहले अपने स्तर पर ही गाड़ी ढूंढने की सलाह दी। कहा गया कि एफआईआर तो बाद में भी हो जाएगी। कमल ने अपने आसपास के घरों के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो एक युवक बाइक ले जाता साफ नजर आया। इस सीसीटीवी फुटेज को आसपास दिखाया तो युवक की पहचान हो गई। पुलिस को थाने पहुंचकर घटनाक्रम के बारे में बताया तो पुलिस ने युवक को उसके घर से हिरासत में ले लिया। अब वो जहां बता रहा है, वहां बाइक नहीं मिल रही।
दूसरा मामला शिवबाड़ी के पास है। जहां योगेंद्रकुमार की बाइक कोई अज्ञात व्यक्ति उठाकर ले गया। मामला दर्ज हुए चार दिन हो गए लेकिन बाइक की कोई सूचना नहीं है। इससे पहले रानी बाजार औद्योगिक क्षेत्र में रहने वाले दीपक कुमार अग्रवाल की बाइक भी चोरी हो गई। उसने दो जून को पुलिस को एफआईआर दी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कमोबेश इसी महीने हर रोज एक बाइक चोरी की एफआईआर हो रही है।
औसतन रोज चोरी
बीकानेर शहर में औसतन हर रोज दो से तीन बाइक चोरी हो रही है। पुलिस पहले तो एफआईआर दर्ज नहीं करती। बाइक मालिक को समझाया जाता है कि बाइक मिल गई तो कोर्ट कार्रवाई हो जाएगी। इसलिए ढूंढ लें। वो दो दिन ढूंढने में लगाता है तब तक बाइक चोर बाजार में बिक जाती है।
गांवों में बिकती है बाइक्स
बीकानेर शहर में चोरी होने वाली बाइक्स कुछ दिन दूर दराज छिपाकर रखी जाती है। इसके बाद ग्रामीण इलाकों में बेच दी जाती है। आमतौर पर गांवों में यातायात पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं होती, जिससे बाइक के कागजात की छानबीन हो।
नशाखोरी से बढ़ी चोरी
नशा खोरी के चलते बाइक चोरी की घटनाएं बढ़ रही है। बड़ी संख्या में युवकों को नशा करने के लिए रुपयों की जरूरत होती है। एक साथ पंद्रह बीस हजार रुपए मिलने की उम्मीद में वो घरों के आगे खड़ी मोटर साइकिल, स्कूटी आदि उठा लेते हैं। पुलिस ऐसे लोगों का पता लगाने में विफल रही है जो इन बाइक्स को खरीद रहे हैं।
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर में हर रोज दो से तीन बाइक चोरी होती है। बड़े आराम से चोर बीच बाजार से, घरों के आगे से बाइक उठाते हैं और चल देते हैं। कुछ दिन इधर-उधर छिपाकर रखते हैं फिर बड़ी आसानी से दूर जाकर बेच देते हैं। चोरी की ये घटनाएं सीसीटीवी में कैद भी होती है लेकिन परिणाम वो ही ढाक के तीन पात है। कोई नसीब वाला ही होता है जिसे अपनी बाइक वापस मिल पाती है।
ताजा मामला बीकानेर के नयाशहर थाने से कुछ दूरी का है, जहां घर के आगे खड़ी बाइक एक युवक उठा ले गया। बाइक मालिक कमल सांखला नयाशहर थाने पहुंचे तो पहले अपने स्तर पर ही गाड़ी ढूंढने की सलाह दी। कहा गया कि एफआईआर तो बाद में भी हो जाएगी। कमल ने अपने आसपास के घरों के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो एक युवक बाइक ले जाता साफ नजर आया। इस सीसीटीवी फुटेज को आसपास दिखाया तो युवक की पहचान हो गई। पुलिस को थाने पहुंचकर घटनाक्रम के बारे में बताया तो पुलिस ने युवक को उसके घर से हिरासत में ले लिया। अब वो जहां बता रहा है, वहां बाइक नहीं मिल रही।
दूसरा मामला शिवबाड़ी के पास है। जहां योगेंद्रकुमार की बाइक कोई अज्ञात व्यक्ति उठाकर ले गया। मामला दर्ज हुए चार दिन हो गए लेकिन बाइक की कोई सूचना नहीं है। इससे पहले रानी बाजार औद्योगिक क्षेत्र में रहने वाले दीपक कुमार अग्रवाल की बाइक भी चोरी हो गई। उसने दो जून को पुलिस को एफआईआर दी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कमोबेश इसी महीने हर रोज एक बाइक चोरी की एफआईआर हो रही है।
औसतन रोज चोरी
बीकानेर शहर में औसतन हर रोज दो से तीन बाइक चोरी हो रही है। पुलिस पहले तो एफआईआर दर्ज नहीं करती। बाइक मालिक को समझाया जाता है कि बाइक मिल गई तो कोर्ट कार्रवाई हो जाएगी। इसलिए ढूंढ लें। वो दो दिन ढूंढने में लगाता है तब तक बाइक चोर बाजार में बिक जाती है।
गांवों में बिकती है बाइक्स
बीकानेर शहर में चोरी होने वाली बाइक्स कुछ दिन दूर दराज छिपाकर रखी जाती है। इसके बाद ग्रामीण इलाकों में बेच दी जाती है। आमतौर पर गांवों में यातायात पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं होती, जिससे बाइक के कागजात की छानबीन हो।
नशाखोरी से बढ़ी चोरी
नशा खोरी के चलते बाइक चोरी की घटनाएं बढ़ रही है। बड़ी संख्या में युवकों को नशा करने के लिए रुपयों की जरूरत होती है। एक साथ पंद्रह बीस हजार रुपए मिलने की उम्मीद में वो घरों के आगे खड़ी मोटर साइकिल, स्कूटी आदि उठा लेते हैं। पुलिस ऐसे लोगों का पता लगाने में विफल रही है जो इन बाइक्स को खरीद रहे हैं।
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