18 May 2022 12:17 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गुजरात से अटारी बॉर्डर तक बीएसएफ की कैमल सफारी अलगे महीने होने जा रही है। सफारी का रूट मैप तैयार किया जा रहा है। गुजरात के भुज से तीन स्टेट क्रॉस कर बीएसएफ के जवान करीब 1400 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंचेंगे। सफारी में 22 ऊंट और इतने ही जवान होंगे। हर सेक्टर में ये बदल जाएंगे। भुज से रवाना होकर पहले सफारी बाड़मेर सेक्टर पहुंचेगी। वहां से बाड़मेर सेक्टर के जवान जैसलमेर आएंगे फिर जैसलमेर के जवान सफारी लेकर बीकानेर पहुंचेंगे। बीकानेर से बीएसएफ के जवान ऊंटों पर श्रीगंगानगर होते हुए पंजाब के अटारी बॉर्डर तक जाएंगे। इससे पहले इसी रूट पर 2017 में महिला अधिकारियों की कैमल सफारी हुई थी, जिसमें बीएसएफ की 11 और एयर फोर्स की नौ महिला अधिकारी शामिल थीं।
2017 में बीएसएफ और एयर फोर्स की महिला अधिकारियों ने की थी गुजरात से अटारी तक कैमल सफारी, उसके बाद अब होगी
सांचू में लगेंगे महाराजा करणी सिंह के फोटो
भारतीय सीमा चौकी सांचू में 1965 की यादों को ताजा करने के लिए महाराजा डॉ. करणी सिंह के फोटो लगाए जाएंगे। बीएसएफ डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह ने मंगलवार को लालगढ़ से सांचू का पुराना रिकॉर्ड लिया है। दरअसल महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट के कॉर्डिनेटर दिलीप सिंह 1965 की वॉर के बाद महाराजा करणी सिंह के साथ सांचू गए थे। वहां के एतिहासिक पलों को उन्होंने अपने कैमरे और टेप रिकॉर्डर में कैद किया था। दिलीप सिंह ने उस वक्त के फोटो और रिकॉर्ड डीआईजी को सौंपा है। उसे सांचू के म्यूजियम में रखा जाएगा।
रीट्रिट सेरेमनी में भी आएगी सफारी
सांचू और खाजूवाला भी जाएगी सफारी
कैमल सफारी को सांचू और खाजूवाला भी ले जाया जाएगा। सफारी का रूट इस तरह से प्लान किया जा रहा है कि जैसलमेर से सफारी सीधे सांचू पहुंचे। सीमा दर्शन प्रोग्राम के तहत सांचू को बॉर्डर टूरिज्म के लिए डेवलेप किया गया है। सांचू का भ्रमण कर जवान बीकानेर आएंगे। यहां से बीकानेर बीएसएफ के जवान सफारी की कमान संभालेंगे। वे खाजूवाला होते हुए पंजाब जाएंगे।
2023 तक चलेगा अमृत महोत्सव
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ प्रगतिशील भारत की आजादी के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। महोत्सव की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च, 2021 को शुरू साबरमती से शुरू हुई थी, जो 15 अगस्त, 2023 को समाप्त होगी। अब तक बीएसएफ के कई आयोजन हो चुके हैं।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गुजरात से अटारी बॉर्डर तक बीएसएफ की कैमल सफारी अलगे महीने होने जा रही है। सफारी का रूट मैप तैयार किया जा रहा है। गुजरात के भुज से तीन स्टेट क्रॉस कर बीएसएफ के जवान करीब 1400 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंचेंगे। सफारी में 22 ऊंट और इतने ही जवान होंगे। हर सेक्टर में ये बदल जाएंगे। भुज से रवाना होकर पहले सफारी बाड़मेर सेक्टर पहुंचेगी। वहां से बाड़मेर सेक्टर के जवान जैसलमेर आएंगे फिर जैसलमेर के जवान सफारी लेकर बीकानेर पहुंचेंगे। बीकानेर से बीएसएफ के जवान ऊंटों पर श्रीगंगानगर होते हुए पंजाब के अटारी बॉर्डर तक जाएंगे। इससे पहले इसी रूट पर 2017 में महिला अधिकारियों की कैमल सफारी हुई थी, जिसमें बीएसएफ की 11 और एयर फोर्स की नौ महिला अधिकारी शामिल थीं।
2017 में बीएसएफ और एयर फोर्स की महिला अधिकारियों ने की थी गुजरात से अटारी तक कैमल सफारी, उसके बाद अब होगी
सांचू में लगेंगे महाराजा करणी सिंह के फोटो
भारतीय सीमा चौकी सांचू में 1965 की यादों को ताजा करने के लिए महाराजा डॉ. करणी सिंह के फोटो लगाए जाएंगे। बीएसएफ डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह ने मंगलवार को लालगढ़ से सांचू का पुराना रिकॉर्ड लिया है। दरअसल महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट के कॉर्डिनेटर दिलीप सिंह 1965 की वॉर के बाद महाराजा करणी सिंह के साथ सांचू गए थे। वहां के एतिहासिक पलों को उन्होंने अपने कैमरे और टेप रिकॉर्डर में कैद किया था। दिलीप सिंह ने उस वक्त के फोटो और रिकॉर्ड डीआईजी को सौंपा है। उसे सांचू के म्यूजियम में रखा जाएगा।
रीट्रिट सेरेमनी में भी आएगी सफारी
सांचू और खाजूवाला भी जाएगी सफारी
कैमल सफारी को सांचू और खाजूवाला भी ले जाया जाएगा। सफारी का रूट इस तरह से प्लान किया जा रहा है कि जैसलमेर से सफारी सीधे सांचू पहुंचे। सीमा दर्शन प्रोग्राम के तहत सांचू को बॉर्डर टूरिज्म के लिए डेवलेप किया गया है। सांचू का भ्रमण कर जवान बीकानेर आएंगे। यहां से बीकानेर बीएसएफ के जवान सफारी की कमान संभालेंगे। वे खाजूवाला होते हुए पंजाब जाएंगे।
2023 तक चलेगा अमृत महोत्सव
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ प्रगतिशील भारत की आजादी के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। महोत्सव की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च, 2021 को शुरू साबरमती से शुरू हुई थी, जो 15 अगस्त, 2023 को समाप्त होगी। अब तक बीएसएफ के कई आयोजन हो चुके हैं।
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