01 May 2022 01:37 PM

जोग संजोग टाइम्स,न
राजस्थान में इस साल गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती है। अप्रैल के महीने में ही लू के थपेड़ों ने लोगों को बेहाल कर दिया। भीषण गर्मी के साए में निकले अप्रैल में राजस्थान के चार शहर तो दुनिया के टॉप-10 गर्म शहरों की सूची में कई बार आए। वहीं, 21 शहरों में एक से ज्यादा बार दिन का अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर दर्ज हुआ। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि भट्टी की तरह तपने वाले रेगिस्तानी इलाकों से ज्यादा गर्मी इस बार चम्बल के बीहड़ों में रही।
बीहड़ और हाड़ौती में गर्मी का तेज असर
इस साल तेज गर्मी का प्रकोप रेगिस्तानी क्षेत्र बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, चूरू तक ही सीमित नहीं रहा। चंबल से लगते शहर और बीहड़ के इलाकों कोटा, बारां, करौली, धौलपुर में भी जबरदस्त गर्मी पड़ी। धौलपुर में अप्रैल में सर्वाधिक तापमान 46.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ, जो राज्य में किसी भी शहर में रहा सबसे अधिक तापमान है। हालांकि गंगानगर, हनुमानगढ़ और बांसवाड़ा भी इस सीजन में अधिकतम तापमान 46 डिग्री तक पहुंचा।
इन शहरों में पारा रहा 40 से ऊपर
राज्य में इस बार पश्चिमी राजस्थान में बाड़मेर और फलौदी के अलावा दक्षिण में डूंगरपुर और मध्य राजस्थान में टोंक ऐसा शहर रहे, जहां अप्रैल में किसी भी दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज नहीं हुआ। टोंक और डूंगरपुर में अधिकतम टेंपरेचर 40 डिग्री सेल्सियस, जबकि फलौदी में 40.8 और बाड़मेर में 40.9 डिग्री सेल्सियस से कम कभी दर्ज नहीं हुआ। वहीं, बांसवाड़ा, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा, बूंदी, बारां, सिरोही, जालौर, अलवर में पूरे महीने में एक बार ही दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे गया था।
अप्रैल में 3 वेस्टर्न डिस्टरबेंस बनने के बावजूद 95% कम बारिश दर्ज हुई।
गर्मी के मौसम में हर साल बारिश, आंधी भी खूब आती है। इसके पीछे बड़ा कारण वेर्स्टन डिस्टरबेंस रहता है। इस बार अप्रैल में 3 वेर्स्टन डिस्टरबेंस आए, लेकिन ज्यादा टेंपरेचर, गर्म हवाएं और ड्राई मौसम के कारण मॉइश्चर (नमी) लेवल बहुत कम रहा, जिसके कारण बरसात भी न के बराबर हुई। राज्य में औसतन 4.4MM बरसात पूरे अप्रैल के महीने में हो जाती है, लेकिन इस बार बारिश औसतन 0.2MM ही हुई, जो सामान्य से 95 फीसदी कम है।
अब आगे क्या?
जयपुर मौसम केन्द्र के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा ने बताया कि मई के शुरुआती सप्ताह में कुछ दिन तापमान में मामूली गिरावट होगी, क्योंकि 3-4 मई को एक वेर्स्टन डिर्स्टबेंस एक्टिव हो रहा है, जिससे उत्तर-पश्चिमी राजस्थान बेल्ट में आंधी चलने और बादल छाने के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इस डिर्स्टबेंस का असर खत्म होने के बाद तापमान वापस बढ़ने लगेगा। इस बार लोगों को मई में भी तेज गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।
जोग संजोग टाइम्स,न
राजस्थान में इस साल गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती है। अप्रैल के महीने में ही लू के थपेड़ों ने लोगों को बेहाल कर दिया। भीषण गर्मी के साए में निकले अप्रैल में राजस्थान के चार शहर तो दुनिया के टॉप-10 गर्म शहरों की सूची में कई बार आए। वहीं, 21 शहरों में एक से ज्यादा बार दिन का अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर दर्ज हुआ। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि भट्टी की तरह तपने वाले रेगिस्तानी इलाकों से ज्यादा गर्मी इस बार चम्बल के बीहड़ों में रही।
बीहड़ और हाड़ौती में गर्मी का तेज असर
इस साल तेज गर्मी का प्रकोप रेगिस्तानी क्षेत्र बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, चूरू तक ही सीमित नहीं रहा। चंबल से लगते शहर और बीहड़ के इलाकों कोटा, बारां, करौली, धौलपुर में भी जबरदस्त गर्मी पड़ी। धौलपुर में अप्रैल में सर्वाधिक तापमान 46.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ, जो राज्य में किसी भी शहर में रहा सबसे अधिक तापमान है। हालांकि गंगानगर, हनुमानगढ़ और बांसवाड़ा भी इस सीजन में अधिकतम तापमान 46 डिग्री तक पहुंचा।
इन शहरों में पारा रहा 40 से ऊपर
राज्य में इस बार पश्चिमी राजस्थान में बाड़मेर और फलौदी के अलावा दक्षिण में डूंगरपुर और मध्य राजस्थान में टोंक ऐसा शहर रहे, जहां अप्रैल में किसी भी दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज नहीं हुआ। टोंक और डूंगरपुर में अधिकतम टेंपरेचर 40 डिग्री सेल्सियस, जबकि फलौदी में 40.8 और बाड़मेर में 40.9 डिग्री सेल्सियस से कम कभी दर्ज नहीं हुआ। वहीं, बांसवाड़ा, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा, बूंदी, बारां, सिरोही, जालौर, अलवर में पूरे महीने में एक बार ही दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे गया था।
अप्रैल में 3 वेस्टर्न डिस्टरबेंस बनने के बावजूद 95% कम बारिश दर्ज हुई।
गर्मी के मौसम में हर साल बारिश, आंधी भी खूब आती है। इसके पीछे बड़ा कारण वेर्स्टन डिस्टरबेंस रहता है। इस बार अप्रैल में 3 वेर्स्टन डिस्टरबेंस आए, लेकिन ज्यादा टेंपरेचर, गर्म हवाएं और ड्राई मौसम के कारण मॉइश्चर (नमी) लेवल बहुत कम रहा, जिसके कारण बरसात भी न के बराबर हुई। राज्य में औसतन 4.4MM बरसात पूरे अप्रैल के महीने में हो जाती है, लेकिन इस बार बारिश औसतन 0.2MM ही हुई, जो सामान्य से 95 फीसदी कम है।
अब आगे क्या?
जयपुर मौसम केन्द्र के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा ने बताया कि मई के शुरुआती सप्ताह में कुछ दिन तापमान में मामूली गिरावट होगी, क्योंकि 3-4 मई को एक वेर्स्टन डिर्स्टबेंस एक्टिव हो रहा है, जिससे उत्तर-पश्चिमी राजस्थान बेल्ट में आंधी चलने और बादल छाने के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इस डिर्स्टबेंस का असर खत्म होने के बाद तापमान वापस बढ़ने लगेगा। इस बार लोगों को मई में भी तेज गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।
RELATED ARTICLES
30 October 2025 02:43 PM
20 April 2022 04:05 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com