30 May 2021 04:22 PM
जोग संजोग टाइम्स
जोधपुर। जोधपुर में कोरोना संक्रमण के दौरान संभाग के सबसे बड़े एमडीएम अस्पताल में कर्मचारियों द्वार कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. एमडीएम अस्पताल स्थित कोरोना विंग में तैनात 14 नर्सिंगकर्मियों ने 240 रेमडेसिविर इंजेक्शन का घोटाला कर लिया. कोरोना विंग में तैनात कुल 22 नर्सिंगकर्मियों की जांच में 14 नर्सिंगकर्मी दोषी पाए गए हैं.
इंजेक्शन जारी तो हुए लेकिन मरीजों को लगे नहीं
अस्पताल में जांच कमेटी के सामने आया था कि कोरोना विंग में मरीज़ो के नाम से रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी तो हुए, लेकिन जारी होने वाले मरीजों को ये इंजेक्शन लगे ही नहीं. चौंकाने वाली बात तो यह सामने आई कि मरीज वार्ड में भर्ती ही नहीं है. लेकिन उनके नाम से इंजेक्शन जारी करवा लिए गए. इन नर्सिंगकर्मियों ने मरीज़ों के नाम फर्जी टिकट बनाकर रेमड़ेसिविर इंजेक्शन उठा लिए.
14 नर्सिंगकर्मी दोषी लेकिन तीन अन्य नर्सिंगकर्मी की भूमिका संदिग्धअप्रैल में इन नर्सिंगकर्मियों ने 213 मरीज़ो के लिए 279 इंजेक्शन जारी करवाए. इन 213 मरीज़ो की जांच में 14 नर्सिंगकर्मियों के घोटाले करने की पुष्टि हुई. हालांकि, 240 रेमड़ेसिविर इंजेक्शन घोटाले की बात सामने आई. लेकिन अंदेशा है कि इन नर्सिंगकर्मियों ने एक हजार से ऊपर इंजेक्शन का घोटाला किया है.
इन नर्सिंगकर्मियों ने किया घोटाला
भरत विश्नोई, पृथ्वीसिंह, दिलीप शर्मा, गौरी बंजारा, सुमन ढाका, कुलदीप, मीरा, संगीता, नरेश, अरुण, निर्मला, सीमा, मुलकांता व रेणु पर 240 रेमड़ेसिविर इंजेक्शन के घोटाले का आरोप है. साथ ही प्रेम सिंह, सरोज चौधरी, चैनाराम की भूमिका को संदिग्ध माना गया है.
जोग संजोग टाइम्स
जोधपुर। जोधपुर में कोरोना संक्रमण के दौरान संभाग के सबसे बड़े एमडीएम अस्पताल में कर्मचारियों द्वार कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. एमडीएम अस्पताल स्थित कोरोना विंग में तैनात 14 नर्सिंगकर्मियों ने 240 रेमडेसिविर इंजेक्शन का घोटाला कर लिया. कोरोना विंग में तैनात कुल 22 नर्सिंगकर्मियों की जांच में 14 नर्सिंगकर्मी दोषी पाए गए हैं.
इंजेक्शन जारी तो हुए लेकिन मरीजों को लगे नहीं
अस्पताल में जांच कमेटी के सामने आया था कि कोरोना विंग में मरीज़ो के नाम से रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी तो हुए, लेकिन जारी होने वाले मरीजों को ये इंजेक्शन लगे ही नहीं. चौंकाने वाली बात तो यह सामने आई कि मरीज वार्ड में भर्ती ही नहीं है. लेकिन उनके नाम से इंजेक्शन जारी करवा लिए गए. इन नर्सिंगकर्मियों ने मरीज़ों के नाम फर्जी टिकट बनाकर रेमड़ेसिविर इंजेक्शन उठा लिए.
14 नर्सिंगकर्मी दोषी लेकिन तीन अन्य नर्सिंगकर्मी की भूमिका संदिग्धअप्रैल में इन नर्सिंगकर्मियों ने 213 मरीज़ो के लिए 279 इंजेक्शन जारी करवाए. इन 213 मरीज़ो की जांच में 14 नर्सिंगकर्मियों के घोटाले करने की पुष्टि हुई. हालांकि, 240 रेमड़ेसिविर इंजेक्शन घोटाले की बात सामने आई. लेकिन अंदेशा है कि इन नर्सिंगकर्मियों ने एक हजार से ऊपर इंजेक्शन का घोटाला किया है.
इन नर्सिंगकर्मियों ने किया घोटाला
भरत विश्नोई, पृथ्वीसिंह, दिलीप शर्मा, गौरी बंजारा, सुमन ढाका, कुलदीप, मीरा, संगीता, नरेश, अरुण, निर्मला, सीमा, मुलकांता व रेणु पर 240 रेमड़ेसिविर इंजेक्शन के घोटाले का आरोप है. साथ ही प्रेम सिंह, सरोज चौधरी, चैनाराम की भूमिका को संदिग्ध माना गया है.
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23 November 2021 04:39 PM
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