17 October 2022 03:08 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
जयपुर प्रदेश में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को कृमि नाशक दवाई खिलाई जा रही हैं। राजस्थान के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाकर 3 करोड़ 33 लाख बच्चों को लक्षित कर कृमि नाशक दवा दी जा रही हैं। 1 से 19 साल तक की उम्र के लगभग 3 करोड़ 33 लाख लक्षित बच्चों को दवा देने का लक्ष्य तय किया गया हैं। पेट में कीड़े (कृमि) से निजात दिलाने वाली यह दवा प्रदेश के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर निःशुल्क दी जा रही हैं।चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ.पृथ्वी ने बताया बच्चों के पेट में कृमि संक्रमण एक आम संक्रमण है जिसके कारण से पेट की आंतों में कृमि उत्पन्न होने से शरीर के पोषक तत्वों को वह खा जाते हैं और इसके कारण खून की कमी और कुपोषण के साथ ही शारीरिक और मानसिक विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।आज 6 साल से 19 साल तक के सभी बच्चों को विद्यालय-महाविद्यालयों में और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवा दी जाएगी। वहीं ऐसे बच्चे जो शिक्षा से दूर है उनके लिए भी विभाग ने दवा खिलाने की व्यवस्था की है।इस अभियान में महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संस्थानों के सहयोग से पूरे राजस्थान में अभियान चलाया गया हैं।मॉप-अप राउंड 18 अक्टूबर को आयोजित होगा। जिसमें पहले दिन दवा खाने से छूट गए बच्चों को दवा दी जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस देश के प्रत्येक बच्चे को कृमि मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक पहल है ।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
जयपुर प्रदेश में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को कृमि नाशक दवाई खिलाई जा रही हैं। राजस्थान के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाकर 3 करोड़ 33 लाख बच्चों को लक्षित कर कृमि नाशक दवा दी जा रही हैं। 1 से 19 साल तक की उम्र के लगभग 3 करोड़ 33 लाख लक्षित बच्चों को दवा देने का लक्ष्य तय किया गया हैं। पेट में कीड़े (कृमि) से निजात दिलाने वाली यह दवा प्रदेश के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर निःशुल्क दी जा रही हैं।चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ.पृथ्वी ने बताया बच्चों के पेट में कृमि संक्रमण एक आम संक्रमण है जिसके कारण से पेट की आंतों में कृमि उत्पन्न होने से शरीर के पोषक तत्वों को वह खा जाते हैं और इसके कारण खून की कमी और कुपोषण के साथ ही शारीरिक और मानसिक विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।आज 6 साल से 19 साल तक के सभी बच्चों को विद्यालय-महाविद्यालयों में और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवा दी जाएगी। वहीं ऐसे बच्चे जो शिक्षा से दूर है उनके लिए भी विभाग ने दवा खिलाने की व्यवस्था की है।इस अभियान में महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संस्थानों के सहयोग से पूरे राजस्थान में अभियान चलाया गया हैं।मॉप-अप राउंड 18 अक्टूबर को आयोजित होगा। जिसमें पहले दिन दवा खाने से छूट गए बच्चों को दवा दी जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस देश के प्रत्येक बच्चे को कृमि मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक पहल है ।
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