14 January 2023 04:32 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर की एक महिला को टेलीग्राम पर एक वीडियो देखने के नाम पर एक सौ रुपए कमाने का ऑफर मिला। महिला ने तुरंत इसे स्वीकार कर लिया। इतना ही करीब 65 वीडियो देखने पर उसके खाते में 65 सौ रुपए आए भी। इसके बाद महिला के खाते में एक लाख 26 हजार रुपए क्रिप्टो करेंसी बताई गई। इसे सेविंग अकाउंट ट्रांसफर करने के चक्कर में अपने खाते में जमा 80 हजार रुपए गंवा बैठी।
मामला बीकानेर के कोटगेट थानाक्षेत्र का है, जहां सुमन अग्रवाल ठगी का शिकार हो गई। उसने अब कोट गेट थाने में मामला दर्ज करवाया है। सुमन का कहना है कि उसके टेलीग्राम पर मैसेज आया कि वो प्रति वीडियो देखने पर सौ रुपए कमा सकती है। उसे सौ रुपए प्रति वीडियो के हिसाब से भुगतान का वादा किया गया और ये राशि उसे मिली भी। दरअसल, विश्वास जमाने के लिए ठग ने 6500 रुपए का भुगतान कर दिया और बाद में क्रिप्टो करेंसी देने के नाम पर अस्सी हजार रुपए निकाल लिए। इसके लिए एक मैसेज दिया गया था, जिस पर लिंक को क्लिक करते ही खाते से अस्सी हजार रुपए निकल गए। अब महिला ने कोट गेट थाने में मामला दर्ज कराया है, जहां मोबाइल नंबर के आधार पर छानबीन की जा रही है। पुलिस की साइबर टीम भी इस पर काम कर रही है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर की एक महिला को टेलीग्राम पर एक वीडियो देखने के नाम पर एक सौ रुपए कमाने का ऑफर मिला। महिला ने तुरंत इसे स्वीकार कर लिया। इतना ही करीब 65 वीडियो देखने पर उसके खाते में 65 सौ रुपए आए भी। इसके बाद महिला के खाते में एक लाख 26 हजार रुपए क्रिप्टो करेंसी बताई गई। इसे सेविंग अकाउंट ट्रांसफर करने के चक्कर में अपने खाते में जमा 80 हजार रुपए गंवा बैठी।
मामला बीकानेर के कोटगेट थानाक्षेत्र का है, जहां सुमन अग्रवाल ठगी का शिकार हो गई। उसने अब कोट गेट थाने में मामला दर्ज करवाया है। सुमन का कहना है कि उसके टेलीग्राम पर मैसेज आया कि वो प्रति वीडियो देखने पर सौ रुपए कमा सकती है। उसे सौ रुपए प्रति वीडियो के हिसाब से भुगतान का वादा किया गया और ये राशि उसे मिली भी। दरअसल, विश्वास जमाने के लिए ठग ने 6500 रुपए का भुगतान कर दिया और बाद में क्रिप्टो करेंसी देने के नाम पर अस्सी हजार रुपए निकाल लिए। इसके लिए एक मैसेज दिया गया था, जिस पर लिंक को क्लिक करते ही खाते से अस्सी हजार रुपए निकल गए। अब महिला ने कोट गेट थाने में मामला दर्ज कराया है, जहां मोबाइल नंबर के आधार पर छानबीन की जा रही है। पुलिस की साइबर टीम भी इस पर काम कर रही है।
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