20 January 2022 01:31 PM
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर,जिले में कोरोना संक्रमण अब कम्युनिटी स्प्रेड में पहुंच चुका है, जबकि दूसरी लहर में भी वायरस इतना तेजी से स्प्रेड नहीं हुआ था। अब हालत यह है कि किसी मरीज की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में मिलने वाली संक्रमण की चेन कई शाखाओं में बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जनवरी अंत और फरवरी में यह पीक पर होगा। ऐसे में कोरोना को हल्के में लेना भारी पड सकता है।
जिले में अब कोरोना के 3300 के करीब एक्टिव केस हैं। वहीं जांच की तुलना में अब पॉजिटिविटी रेट 20 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह दर संक्रमण की तीव्रता को बताती है। हालांकि विशेषज्ञ लगातार इस लहर के ओमिक्रॉन वेरिएंट को माइल्ड बताते रहे हैं, लेकिन आगे भी यह ऐसा ही रहेगा, ऐसा दावा नहीं है। यानी कब यह रूप बदल ले, कहा नहीं जा सकता। बचने के लिए सिर्फ सतर्कता ही उपाय है।
17 जिले हाई रिस्क पर
प्रदेश से जारी आंकड़ों की बात करें तो 17 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है। इनमें से भी 9 जिले ऐसे हैं, जहां पर जांच की तुलना में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा है। इसमें बीकानेर भी शामिल है। बीकानेर के अलावा जयपुर, उदयपुर, अलवर, कोटा, जोधपुर,भरतपुर, भीलवाड़ा,चित्तौडग़ढ़ की पॉजिटिविटी रेट15 फीसदी से ज्यादा है। जयपुर और जोधपुर जिले में तो 24 फीसदी पॉजिटिविटी रेट है। पाली, सीकर, सवाईमाधोपुर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, अजमेर और अलवर में भी संक्रमण दर बढ़ रही है।
कुछ पाबंदियां जरूरी
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की कोविड—19 महामारी गाइडलाइन के अनुसार 10 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाकर पाबंदियां लगाना जरूरी है। जबकि अब तक जिलों के स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाकर सख्ती नहीं की गई है।
अपनों के लिए समझें दायित्व
श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ गूंजन सोनी का कहना है कि अब संक्रमण कम्युनिटी स्प्रेड में है। यह संक्रमण भले ही माइल्ड हो, लेकिन अन्य गंभीर बीमारियों वालों के लिए यह खतरनाक साबित हो रहा है। यदि किसी को लक्षण हैं, तो हल्के में ना लें। भले ही ऐसे लोग जल्दी ठीक हो जाएं, लेकिन उनके सम्पर्क में आने वाले बुजुर्ग और अन्य बीमारियों के लोगों की जान जोखिम में डाल सकते हैं। इसलिए सजग रहें। टेस्ट करवाएं और आइसोलेट रहें।
समारोह से बचें
डॉ. सोनी का कहना है कि सरकार शत—प्रतिशत वैक्सीनेशन कर सकती है, लेकिन जरूरी सतर्कता आमजन को बरतनी होगी। दो साल में महामारी से बचने के तरीके आम लोगों की दिनचर्या में शामिल हो जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं देखा जा रहा है। अब छोटे शहरों की ओर संक्रमण फैल रहा है। ऐसे में इन शहरों के लोगों के लिए जरूरी है कि वे किसी भीड़ का हिस्सा ना बनें। हर समारोह से दूरी बनाएं रखें।
बीकानेर के हालात
अगर प्रदेश से जारी रिपोर्ट की बात करें तो बुधवार शाम तक जारी आंकड़ों के अनुसार 652236 सैम्पल में 45317 जने पॉजिटिव आ चुके है। इसमें गुरूवार के पॉजिटिव अभी तक शामिल नहीं है। जबकि 550 जने कोरोना की जंग हार चुके है। इनमें तीसरी लहर में मरने वालों की संख्या सात है। ऐसा नहीं कि पॉजिटिव रिकवरी का आंकड़ा कम है। रोजाना रिकवर होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। आज तक 42 हजार के करीब कोविड पीडि़त ठीक हो चुके है। ऐसे में अभी कोरोना से सतर्कता बरतने की आवश्यकता ज्यादा है। बीकानेर तहलका आपसे अपील करता है कि आप सभी अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिये सरकारी एडवाजरी की अनुपालना जरूर करें ताकि इस संक्रमण को रोकने में भागीदारी निभा सकें।
जोग संजोग टाइम्स,
बीकानेर,जिले में कोरोना संक्रमण अब कम्युनिटी स्प्रेड में पहुंच चुका है, जबकि दूसरी लहर में भी वायरस इतना तेजी से स्प्रेड नहीं हुआ था। अब हालत यह है कि किसी मरीज की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में मिलने वाली संक्रमण की चेन कई शाखाओं में बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जनवरी अंत और फरवरी में यह पीक पर होगा। ऐसे में कोरोना को हल्के में लेना भारी पड सकता है।
जिले में अब कोरोना के 3300 के करीब एक्टिव केस हैं। वहीं जांच की तुलना में अब पॉजिटिविटी रेट 20 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह दर संक्रमण की तीव्रता को बताती है। हालांकि विशेषज्ञ लगातार इस लहर के ओमिक्रॉन वेरिएंट को माइल्ड बताते रहे हैं, लेकिन आगे भी यह ऐसा ही रहेगा, ऐसा दावा नहीं है। यानी कब यह रूप बदल ले, कहा नहीं जा सकता। बचने के लिए सिर्फ सतर्कता ही उपाय है।
17 जिले हाई रिस्क पर
प्रदेश से जारी आंकड़ों की बात करें तो 17 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है। इनमें से भी 9 जिले ऐसे हैं, जहां पर जांच की तुलना में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा है। इसमें बीकानेर भी शामिल है। बीकानेर के अलावा जयपुर, उदयपुर, अलवर, कोटा, जोधपुर,भरतपुर, भीलवाड़ा,चित्तौडग़ढ़ की पॉजिटिविटी रेट15 फीसदी से ज्यादा है। जयपुर और जोधपुर जिले में तो 24 फीसदी पॉजिटिविटी रेट है। पाली, सीकर, सवाईमाधोपुर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, अजमेर और अलवर में भी संक्रमण दर बढ़ रही है।
कुछ पाबंदियां जरूरी
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की कोविड—19 महामारी गाइडलाइन के अनुसार 10 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाकर पाबंदियां लगाना जरूरी है। जबकि अब तक जिलों के स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाकर सख्ती नहीं की गई है।
अपनों के लिए समझें दायित्व
श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ गूंजन सोनी का कहना है कि अब संक्रमण कम्युनिटी स्प्रेड में है। यह संक्रमण भले ही माइल्ड हो, लेकिन अन्य गंभीर बीमारियों वालों के लिए यह खतरनाक साबित हो रहा है। यदि किसी को लक्षण हैं, तो हल्के में ना लें। भले ही ऐसे लोग जल्दी ठीक हो जाएं, लेकिन उनके सम्पर्क में आने वाले बुजुर्ग और अन्य बीमारियों के लोगों की जान जोखिम में डाल सकते हैं। इसलिए सजग रहें। टेस्ट करवाएं और आइसोलेट रहें।
समारोह से बचें
डॉ. सोनी का कहना है कि सरकार शत—प्रतिशत वैक्सीनेशन कर सकती है, लेकिन जरूरी सतर्कता आमजन को बरतनी होगी। दो साल में महामारी से बचने के तरीके आम लोगों की दिनचर्या में शामिल हो जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं देखा जा रहा है। अब छोटे शहरों की ओर संक्रमण फैल रहा है। ऐसे में इन शहरों के लोगों के लिए जरूरी है कि वे किसी भीड़ का हिस्सा ना बनें। हर समारोह से दूरी बनाएं रखें।
बीकानेर के हालात
अगर प्रदेश से जारी रिपोर्ट की बात करें तो बुधवार शाम तक जारी आंकड़ों के अनुसार 652236 सैम्पल में 45317 जने पॉजिटिव आ चुके है। इसमें गुरूवार के पॉजिटिव अभी तक शामिल नहीं है। जबकि 550 जने कोरोना की जंग हार चुके है। इनमें तीसरी लहर में मरने वालों की संख्या सात है। ऐसा नहीं कि पॉजिटिव रिकवरी का आंकड़ा कम है। रोजाना रिकवर होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। आज तक 42 हजार के करीब कोविड पीडि़त ठीक हो चुके है। ऐसे में अभी कोरोना से सतर्कता बरतने की आवश्यकता ज्यादा है। बीकानेर तहलका आपसे अपील करता है कि आप सभी अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिये सरकारी एडवाजरी की अनुपालना जरूर करें ताकि इस संक्रमण को रोकने में भागीदारी निभा सकें।
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