15 November 2022 12:34 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
गाढ़वाला रोड पर शिवबाड़ी समेत 5 गांवों की जमीन पर प्रदेश का तीसरा गोपालक नगर बसाया जाएगा। इसके लिए 506 हैक्टेयर जमीन चिह्नित की गई जिसमें 425 हैक्टेयर खातेदारों की है। इन खातेदारों को जमीन के बदले जमीन दी जाएगी।
बीकानेर शहर करीब 500 डेयरियां हैं। आवारा पशुओं की गंभीर समस्या बनी हुई है। इसे देखते हुए दो साल पहले शहर से दूर गोपालक नगर बनाने की आवश्यकता जताई गई थी। उसके बाद करीब सात माह पूर्व एक अप्रैल, 22 को अधिसूचना जारी कर दी गई थी, लेकिन जमीन तय नहीं होने के कारण योजना लटकी रही। अब प्रशासन ने नए सिरे से गोपालक नगर बनाने की तैयारी की है। प्रदेश में यह जयपुर, कोटा के बाद तीसरा गोपालक नगर होगा। इसके लिए शिवबाड़ी रकबे में गाढ़वाला रोड की बायीं तरफ 506 हैक्टेयर जमीन भी चिह्नित कर ली है।
इसमें से 425 हैक्टेयर जमीन खातेदारों की हैं। खातेदारों को सरकार के नियमों के मुताबिक जमीन के बदले जमीन दी जाएगी। गोपालक नगर को डेवलप करने के लिए गोपालकों और गौशालाओं को बसाने के अलावा ड्राइपोर्ट, फूड पार्क, वेयरहाउस की प्लानिंग भी की जा रही है। यूआईटी सचिव यशपाल आहूजा ने बताया कि गोपालक नगर के लिए सरकार की ओर से इंटेंशन जारी हो चुकी है। अब यूआईटी आपत्तियां लेकर सुनवाई करेगी। उसके बाद अधिसूचना जारी कर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
गोपालक नगर से शहर का विकास होगा : डीसी
बीकानेर में गोपालक नगर के लिए शिवबाड़ी रकबे की जमीन चिह्नित कर ली गई है। योजना पर काम किया जा रहा है। इससे शहरी इलाके में आवारा पशु, गोपालक और डेयरियां तो शिफ्ट होंगी ही, डेवलपमेंट भी होगा। यूआईटी को गोपालन योजना को पूरा प्लान तैयार करने के लिए कहा गया है। - नीरज के पवन, संभागीय आयुक्त
गोपालकों को प्लांट भी मिलेंगे, चारा-चाटा के लिए होगी जगह
इन गांवों से लगेंगी सीमाएं
पूर्व : गांव हिम्मतासर व शेष भूमि ग्राम शिवबाड़ी में।
पश्चिम : गांव जोड़बीड़ व शेष भूमि गांव शिवबाड़ी में।
उत्तर : गांव नेणों का बास।
दक्षिण : सड़क बीकानेर-नापासर 100 फीट मास्टर प्लान के अनुसार व गांव सीमा गाढ़वाला।
यूआईटी और निजी खातेदारों से मिलेगी जमीन
दोबारा लेनी होगी योजना की अवधि बढ़ाने की अनुमति
जिला प्रशासन को गोपालक नगर बसाने के लिए सरकार से योजना की अवधि बढ़ाने की अनुमति लेनी होगी। सरकार ने एक अप्रैल, 22 को बीकानेर में गोपालक नगर बसाने की अधिसूचना जारी की थी। योजना की अवधि छह माह निर्धारित की गई थी। छह माह बीत गए, लेकिन प्रशासन गोपालक नगर नहीं बसा सका। अधिकारियों का कहना है कि सरकार से अवधि बढ़ाने की अनुमति ली जाएगी जो सामान्य प्रक्रिया है।
दो साल पहले यूआईटी ट्रस्ट ने किए थे प्रयास: शहर में अवैध डेयरियों और आवारा पशुओं की गंभीर समस्या को देखते हुए दो साल पहले यूआईटी ने गोपालक नगर बनाने के प्रयास शुरू किए थे। तत्कालीन कलेक्टर और ट्रस्ट अध्यक्ष नमित मेहता की मौजूदगी में गोपालक नगर बनाने का फैसला हुआ और कानासर, बीछवाल, उदयरामसर में जमीन भी देखी गई थी। लेकिन, ना तो जमीन तय हुई और ना ही योजना को क्रियान्वित करने के गंभीरता से प्रयास किए गए।
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01 October 2022 10:00 PM
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