09 July 2021 12:26 PM
एडवोकेट सुरेश गोस्वामी बीकानेर ने बताया कि हिन्दुस्तान के इतिहास मे शायद ही ऐसी तकनीक विश्वविद्यालय होगी -जहां गैर ईजीनियरिग संकाय ( B com degree ) धारक रीडर -डीन- और रिसर्च सुपरवाइजर के पद पर नियुक्त है - शिक्षा की नियामक यूजीसी के क्लॉज 22 मे भी ऐसी डिग्री को मान्यता नही है - एम पी पुनिया पूर्व प्राचार्य ईसीबी व उपाध्यक्ष एआईसीटीई के द्वारा 2008 मे अजीत सिंह पुनिया को रीडर के पद पर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र व फर्जी शैक्षणिक डिग्रियो के आधार नियुक्त दी थी - अजीत सिंह पुनिया B com degree + A level course ही पास है - एडवोकेट सुरेश गोस्वामी ने बताया कि पुनिया ने 2002 को MCS जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर से एक वर्षीय मास्टर डिग्री की जिसे पूरे देश मे मान्यता ही नही है ना ही इस प्रकार की कोई डिग्री है -राजस्थान सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग ने 6 जुलाई 2017 को अजीत सिंह पुनिया के समस्त अनुभव व शैक्षणिक दस्तावेजो को फर्जी मान उसकी सेवाऐ समाप्त कर दी - एम पी पुनिया ने अजीत सिंह पुनिया को सेवा मे बनाये रखने के लिए बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय व तकनीकी शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार के अधिकारियो से दुरसंधि कर माननीय न्यायालय मे निर्णय करवा लिया - एडवोकेट की शिकायत पर तकनीकी शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार के द्वारा दिनांक 18-11-2020 को रजिस्टार व प्राचार्य सीईटी को माननीय उच्च न्यायालय मे अपील प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए थे - कुलपति बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय व प्राचार्य सीईटी ने एम पी पुनिया के दबाव मे अपील नही की है एड़वोकेट सुरेश गोस्वामी ने माननीय मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने व कुलपति बीटीयू का निर्देश जारी कर अविलम्ब अपील संस्थित करने व दोषी अधिकारियो के विरूद्ध कारवाई की मांग की है
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18 August 2023 12:25 PM
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